लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी समेत प्रदेश के 10 डिपो में बसों का मेंटीनेंस अब निजी हाथों में रहेगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने प्राइवेट फर्म को जिम्मा देने का फैसला किया है। हाल ही में निदेशक मंडल की बैठक में इस पर मोहर लग चुकी है। इसमें राजधानी आ अवध बस स्टेशन समेत प्रदेश के अन्य 19 डिपो के बस स्टेशन शामिल हैं।

अवध बस डिपो शामिल

परिवहन निगम धीरे-धीरे निजीकरण की ओर बढ़ रहा है। डिपो में बसों की मेंटीनेंस के लिए मैनपॉवर की कमी चल रही है। जिसकी वजह से बसों का सही से मेंटीनेंस नहीं होने से आये दिन बसों के खराब होने या उनमें आग लगने की घटना सामने आती हैं।

अवध डिपो भी शामिल

अधिकारियों की माने तो मैनपॉवर की कमी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। लखनऊ रीजन की बात की जाए तो यहां के अवध बस डिपो को इसमें शामिल किया गया है। यहां पर जनरथ एसी बसों का अधिकतर संचालन होता है। ऐसे में एसी बसों के मेंटीनेंस की जिम्मेदारी निगम के कर्मचारियों की जगह निजी फर्म के हाथों में रहेगी। एसी बसों को लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें आती है इसीलिए इसे भी निजी हाथों में देने का फैसला लिया गया है।

यह डिपो भी हुए शामिल

इसके अलावा, आगरा रीजन का ताज डिपो, गाजियाबाद रीजन का साहिबाबाद डिपो, मेरठ रीजन का सोहराब गेट डिपो, अलीगढ़ का एटा डिपो, कानपुर का विकास नगर डिपो, अयोध्या का सुल्तानपुर डिपो, गोरखपुर का देवरिया डिपो समेत अन्य रीजन के एक-एक डिपो को शामिल किया गया है। प्रवक्ता अजीत सिंह के मुताबिक बोर्ड बैठक में इसके लिए फैसला लिया जा चुका है।