लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ यूनिवर्सिटी एनईपी के मुताबिक चार साल के यूजी प्रोग्राम के चौथे साल में स्टूडेंट्स को प्रवेश देने वाली पहली यूनिवर्सिटी बनेगी। बता दें कि एलयू अपने यूजी और पीजी प्रोग्राम में एनईपी को अपनाने वाली देश की पहली यूनिवर्सिटी थी। यूजीसी की गाइडलाइंस का पालन करते हुए यूजी प्रोग्राम के चौथे साल मेें प्रवेश लेने वाले स्टूडेंट्स को रिसर्च के साथ यूजी ऑनर्स की डिग्री दी जाएगी। इसके अलावा, एक साल के बाद छोड़ने वाले स्टूडेंट्स को सर्टिफिकेट, 2 साल के बाद डिप्लोमा, 3 साल के बाद यूजी की डिग्री दी जाएगी।

चौथे साल में प्रवेश लेना स्टूडेंट्स पर निर्भर

एलयू के यूजी अध्यादेश के अनुसार, सेमेस्टर 6 में 7.5 या उससे ज्यादा सीजीपीए लाने वाले स्टूडेंंट्स चौथे साल के सेमेस्टर में प्रवेश ले सकेंगे। हालांकि, चौथे साल मेंं प्रवेश लेना जरूरी नहीं होगा और स्टूडेंट्स की इच्छा पर निर्भर करेगा। स्टूडेंट्स अपना चौथा साल भी अपने मेन सब्जेक्ट से ही कर सकेंगे, जिसे उन्होंने सेमेस्टर 5 में चुना था। कुछ स्टूडेंट्स ऐसे हैैं जो चौथे साल की पढ़ाई करना चाहते हैैं लेकिन ऐसे कॉलेज में है जहां चौथा साल नहीं पढ़ाते हैैं। ऐसे स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी या किसी और कॉलेज में एडमिशन ले सकते हैैं। प्रवेश सीट की उपलब्धता और मेरिट के आधार पर होगा।

चौथे साल में ये पढ़ेंगे स्टूडेंट्स

एलयू के स्टूडेंट्स सेमेस्टर 7 में 3 मुख्य कोर्सेस, 2 ऑप्शनल कोर्सेस और रिसर्च मेथोडोलॉजी पढ़ेंगे। इसके अलावा पूरे सेमेस्टर 8 में स्टूडेंट्स रिसर्च करके डेसर्टेशन के रूप में प्रस्तुत करेंगे।

चार साल के यूजी प्रोग्राम के फायदे

- इस कोर्स को करने से स्टूडेंट्स का पूरे एक साल की बचत होगी।

- इसके बाद स्टूडेंट्स नेट का एग्जाम दे सकेंगे।

- इसके अलावा स्टूडेंट्स बिना पीजी किए डॉक्टरेट की पढ़ाई भी कर सकेंगे।

ये प्रोग्राम स्टूडेंट्स को सीखने का अनुभव देने के लिए डिजाइन किया गया है, जो उन्हें कम समय सीमा में अपनी फील्ड में उत्कृष्टता पाने के लिए जरूरी कौशल और ज्ञान देता है। इसे ऐसे डिजाइन किया गया है, जिसमें थ्योरिटिकल नॉलेज को प्रैक्टिकल एप्लीकेशंस के साथ मिलाया गया है।

- प्रो। आलोक कुमार राय, वीसी, एलयू