लखनऊ (ब्यूरो)। कुछ समय पहले ही सारे बोर्ड एग्जाम्स के रिजल्ट आए थे। 12वीं में पास होने वाले स्टूडेंट्स अब अपने अगले पड़ाव की तरफ बढ़ चुके हैैं। किसी को डॉक्टर बनना है, किसी को लॉ की पढ़ाई करनी है तो कोई इन सबसे अलग हटकर इंटीरियर डिजाइनर बनना चाहता है। हर कोई अपने लक्ष्य को पाने के लिए जमकर मेहनत कर रहा है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इन टॉपर्स से बात करके जाना उनका फ्यूचर प्लान

सीबीएसई बोर्ड टॉपर्स

इंटीरियर डिजाइनर बनने का सपना

मुझे आगे चल कर एक इंटीरियर डिजाइनर बनना है। मुझे बचपन से ही आर्ट और क्राफ्ट का बहुत शौक था। मैंने पहले भी कई आर्ट वर्क बनाए हैैं। इसी से मेरा इंट्रेस्ट धीरे-धीरे इंटारियर डिजाइनिंग की तरफ जाने लगा। बोर्ड एग्जाम के कुछ ही समय बाद कॉलेज के एडमिशन का भी एग्जाम था तो मैंने बोर्ड एग्जाम के साथ ही कॉलेज के एंट्रेंस एग्जाम की भी तैयारी शुरू कर दी। मैंने एक कोचिंग भी ज्वाइन की थी ताकि मुझे तैयारी में और मदद मिल सके। मैंने कॉलेज का एंट्रेंस एग्जाम पास कर लिया है और मेरा एडमिशन हरियाणा की एक यूनिवर्सिटी में हो गया है।

दिव्या शर्मा, 98.60 परसेंट, आरएलबी

चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहती हूं

मैैं किसी अच्छे कॉलेज से बीकॉम ऑनर्स करके चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहती हूं। मेरा इस फील्ड में पहले से ही इंट्रेस्ट था और मुझे पता था कि आगे क्या करना है। मेरा सीयूईटी का एग्जाम है। इसे पास करके दिल्ली की अच्छी यूनिवर्सिटी से बीकॉम ऑनर्स करना चाहती हूं। मैंने बहुत मेहनत की थी। मैैं रोज स्कूल टाइम पर जाती थी। सीयूईटी के एग्जाम के लिए मैंने कोई कोचिंग नहीं की। सारी पढ़ाई खुद से ही की। मेरा मानना है कि मेहनत करने से चीजें आसान हो जाती हैं और एग्जाम ज्यादा मुश्किल नहीं लगते।

आरती यादव, 98.60 परसेंट, आरएलबी

आईएससी बोर्ड टॉपर्स

लॉ की पढ़ाई करनी है

मुझे पांच साल की बीएएलएलबी की पढ़ाई करनी है। इसके लिए मैंने एलेट का एग्जाम दिया था। इसमें मेरे अच्छे नंबर आए थे जिससे मेरा दिल्ली की लॉ यूनिवर्सिटी में एडमिशन हो गया है। लॉ मुझे काफी इंट्रेस्टिंग सब्जेक्ट लगता था। मैंने काफी सोचने के बाद लॉ करने का निर्णय लिया था। एलेट पास करने के लिए मैंने कोचिंग की थी और साथ में खुद से भी पढ़ाई की थी। मैं रोज पढ़ाई करती थी और एक भी दिन ऐसा नहीं था जिस दिन मैंने पढ़ाई न की हो। मैैं यही कहना चाहती हूं की कॉम्पिटीटिव एग्जाम मुश्किल तो होता है, लेकिन रोज पढ़ाई करने से और नोट्स बनाने से काफी मदद हो जाती है।

कनिष्का मित्तल, 99.75 परसेंट, सीएमएस-कानपुर रोड

फ्यूचर में डॉक्टर बनना है

आगे चल कर मुझे डॉक्टर बनना है। इसके लिए मैंने एक साल का ड्रॉप लिया है और नीट की तैयारी कर रही हूं। मैंने इसकी तैयारी के लिए कोचिंग भी ज्वाइन की है। बचपन से ही मेरा सपना था कि मैैं एक डॉक्टर बनूं। मैंने 12वीं के सारे सब्जेक्ट्स खुद ही चुने थे, पेरेंट्स का कोई दबाव नहीं था। मैैं नीट के एग्जाम के लिए बहुत फोकस कर रही हूं। मैैं सोशल मीडिया से भी दूर रहती हूं और इसका बहुत कम इस्तेमाल करती हूं। मैंने पढ़ाई के लिए एक टाइम टेबल बनाया है, जिसे मैैं रोज फॉलो करती हूं। मैंने कभी पढ़ाई का प्रेशर नहीं लिया। मैैं दूसरों को भी यही सलाह दूंगी कि पढ़ाई पर फोकस करें, लेकिन ज्यादा प्रेशर न लें।

सरिया खान, 99.75 परसेंट, सीएमएस-महानगर

यूपी बोर्ड टॉपर्स

स्कूल की वर्कशॉप से बढ़़ा डॉक्टर बनने का इंट्रेस्ट

मेरे स्कूल में काफी सारी वर्कशॉप्स होती थीं, जहां कई डॉक्टर्स भी आते थे। उन्हीं को देख कर मेरी उत्सुकता बढ़ी। मैंने सोचा कि मुझे भी आगे चलकर डॉक्टर बनना है। मैं नीट क्लियर करने के लिए कोचिंग कर रहा हूं। मेरी कोचिंग पांच घंटे की होती है और मैैं मैैं खुद से भी पढ़ाई करता हूं। मुझे हमेशा से पढ़ाई का शौक रहा है। मेरे पेरेंट्स मुझे ब्रेक लेने को कहते थे लेकिन मैैं रात 11 बजे तक पढ़ता था।

रक्षित तिवारी- 96.80 परसेंट, विस्डम वे प्रोग्रेसिव इंटर कॉलेज, चिनहट

कोविड के बाद डॉक्टर बनने का आया ख्याल

मैंने कोविड के समय में इतने सारे लोगों को मरते देखा। मेरे पापा की भी तबियत इसी दौरान बहुत खराब हो गई थी। मैैं देख रहा था कि कैसे इसके कारण लोगों में हार्ट की समस्या बढ़ रही थी। ऐसे में, मैंने सोच लिया कि मुझे भी एक डॉक्टर बनना है और लोगों का इलाज करना है। मेरा मानना है कि कोई भी पढ़ाई केबल रट कर नहीं की जाती बल्कि सब्जेक्ट को अच्छे से समझना होता है। मैैं नीट की तैयारी कर रहा हूं जिसके लिए मैैं रोज 11 घंटे पढ़ाई करता हूं। मैैं इसके लिए कोचिंग भी करता हूं।

कौशल, 96.60 परसेंट, एसकेडी एकेडमी इंटर कॉलेज, राजाजीपुरम