लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी को जल्द ही चार नई आवासीय योजनाओं की सौगात मिलेगी। इसके लिए एलडीए ने पूरा खाका तैयार कर लिया है। इसके तहत सुल्तानपुर रोड पर वेलनेस सिटी, आईटी सिटी, मोहान रोड पर एजुकेशनल सिटी (मोहान रोड योजना) व आईआईएम रोड पर प्रबंध नगर योजना विकसित की जाएगी। ये कॉलोनियां विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस होंगी और यहां सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, शिक्षण संस्थान, ग्रुप हाउसिंग, मॉल, होटल, मनोरंजन केंद्र, इंडस्ट्रियल एरिया आदि के साथ ही विस्तृत क्षेत्रफल में ग्रीनरी और वाटर बॉडी होंगे। एलडीए की अध्यक्ष एवं मंडलायुक्त डॉ। रोशन जैकब ने इन योजनाओं के लिए जमीन जुटाने के संबंध में तैयार किये गये प्रस्ताव को प्रारंभिक मंजूरी दे दी है।

225 करोड़ का टेंडर भी जारी

एलडीए वीसी डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा राजधानी में जल्द ही चार नई आवासीय योजनाएं लांच की जाएंगी। इसमें मोहान रोड योजना, वेलनेस सिटी, आईटी सिटी व प्रबंध नगर योजना शामिल हैं। इसमें से मोहान रोड योजना के आंतरिक विकास के लिए प्रथम चरण में 225 करोड़ रुपये का टेंडर भी जारी कर दिया गया है। जिससे योजना में सड़क, सीवर, जलापूर्ति, विद्युतिकरण व ड्रेनेज आदि का कार्य कराया जाएगा। ग्राम प्यारेपुर व कलियाखेड़ा की जमीन पर विकसित की जा रही मोहान रोड योजना के मुआवजे के संबंध में प्रस्ताव तैयार करा लिया गया है, जिस पर आगामी बोर्ड बैठक में निर्णय ले लिया जाएगा। इसके अलावा वेलनेस सिटी व आईटी सिटी के लिए लैंड बैंक तैयार करने को लेकर भी तेजी से काम चल रहा है। इसके लिए मुआवजे की दरें निर्धारित कर दी गयी है और किसानों से समझौते, भू-अधिग्रहण व लैंड पूलिंग के आधार पर जमीन जुटायी जाएगी। वहीं प्रबंध नगर योजना के संबंध में प्राधिकरण के स्तर से किसानों के साथ वार्ता चल रही है।

इस तरह समझें चारों योजनाएं

1-मोहान रोड योजना (एजुकेशनल सिटी)

ग्राम प्यारेपुर व कलियाखेड़ा की 785.02 एकड़ अर्जित भूमि पर 1544 करोड़ रुपये की लागत से मोहान रोड योजना का विकास किया जाएगा। इसे चंडीगढ़-पंचकुला की तरह ग्रिड पैटर्न पर विकसित किया जाएगा। योजना में 74.25 एकड़ क्षेत्रफल में एजुकेशनल सिटी और 42 एकड़ भूमि पर सेंट्रल पार्क बनाया जाएगा, जबकि लगभग 45000 वर्गमीटर क्षेत्र में वाटर बॉडी होगी। योजना में कुल आठ सेक्टर बनाये जाएंगे, जिसके प्रत्येक सेक्टर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, सेक्टोरल शॉपिंग सेंटर एवं वेंडरों के लिए अलग से जगह का प्रावधान होगा साथ ही सभी बड़े चौराहों पर रोटरी विकसित की जाएगी। जिसमें बायीं ओर मुड़ने वाले ट्रैफिक को फ्री-पास दिया जाएगा। योजना में 112.50 वर्गमीटर से 450 वर्गमीटर क्षेत्रफल के कुल 2532 आवासीय भूखंड के साथ ग्रुप हाउसिंग के बड़े भूखंड भी रहेंगे।

2- वेलनेस सिटी

सुल्तानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर ग्राम बक्कास, चौरहिया, चौरासी, मलूकपुर, दुलारमऊ एवं नूरपुर बेहटा की लगभग 1474 एकड़ जमीन पर वेलनेस सिटी लायी जाएगी। इसे मेडी सिटी की तरह विकसित किया जाएगा, जहां सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, मेडिकल कॉलेज, डायग्नोस्टिक सेंटर के साथ विपासना केंद्र व मेडिटेशन सेंटर आदि होंगे। इसके अलावा शहर के व्यस्ततम बाजार में शुमार अमीनाबाद मेडिसिन मार्केट को भी वेलनेस सिटी में स्थानांतरित करने का प्रावधान किया गया है, जिसके लिए अलग से भूखंड नियोजित किये गये हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से महज 0.5 किलोमीटर की दूरी पर प्रस्तावित इस योजना में ट्रैफिक निर्बाद्ध रूप से संचालित हो, इसके लिए 60 मीटर से 24 मीटर चौड़ी सड़कें विकसित की जाएंगी। योजना में सप्त ऋषियों के नाम से सात सेक्टर बनाये जाएंगे, जिनमें 112.50 वर्गमीटर से 450 वर्गमीटर क्षेत्रफल के कुल 2935 आवासीय भूखंड के साथ ही ग्रुप हाउसिंग व व्यावसायिक उपयोग के बड़े भूखंड शामिल होंगे।

3- आईटी सिटी

सुल्तानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग व किसान पथ के मध्य लगभग 2086 एकड़ भूमि पर आईटी सिटी विकसित की जाएगी। योजना में हाईटेक प्रौद्योगिकी पार्क, ग्लोबल बिजनेस पार्क, साइंस एवं इंजीनियरिंग उपकरण क्षेत्र, सुपर स्पेशलिटी मेडिकल जोन आदि के लिए भूखंड नियोजित किये जाएंगे। योजना में 72 वर्गमीटर से 1250 वर्गमीटर क्षेत्रफल के कुल 4025 आवासीय भूखंड रहेंगे, जिसमें से सर्वाधिक 1848 भूखंड 200 वर्गमीटर क्षेत्रफल के होंगे। योजना में 360 एकड़ का इंडस्ट्रियल एरिया व व्यावसायिक गतिविधि के लिए 64 एकड़ क्षेत्रफल आरक्षित किया गया है साथ ही लगभग 15 एकड़ क्षेत्रफल में फैली वाटर बॉडी योजना की पहचान बनेगी।

4- प्रबंध नगर योजना

आईआईएम रोड पर ग्राम घैला, अल्लूनगर डिगुरिया व ककौली की कुल 2077 एकड़ भूमि पर प्रबंध नगर योजना विकसित की जाएगी। योजना के विकास में 4500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसमें लगभग 20 लाख वर्गमीटर क्षेत्रफल में आवासीय उपयोग जबकि लगभग 7 लाख वर्गमीटर एरिया में व्यावसायिक गतिविधियों के लिए भूखंड रहेंगे। इसके अलावा 14 लाख 58 हजार वर्गमीटर क्षेत्रफल का इंडस्ट्रियल एरिया और सात लाख वर्गमीटर मिश्रित भू-उपयोग का प्रावधान किया गया है साथ ही 18 लाख वर्गमीटर क्षेत्रफल में वाटर बॉडी, ग्रीन बेल्ट व पार्क आदि विकसित किये जाएंगे।