लखनऊ (ब्यूरो): समता मूलक चौराहे के पास शनिवार सुबह पुल पर कार स्टार्ट छोडक़र सीएचसी गोसाईगंज कर्मी अनूप कुमार ने गोमती नदी में छलांग लगा दी। पुलिस ने गोताखोरों की मदद से उन्हें नदी से निकालकर सिविल अस्पताल पहुंचाया, जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इंस्पेक्टर गंज विक्रम सिंह ने बताया कि कार नंबर की मदद से परिवार को सूचना दी है। डैशबोर्ड पर तीन लाइन लिखी थी। जांच की जा रही है।
कार स्टार्ट छोड़ दी
इंस्पेक्टर के मुताबिक अनूप सुलतानपुर के सैद खानपुर निवासी थे। यहां अंसल के चंद्रा पनोरमा अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर पी-4 में रहते थे। गोसाईगंज सीएचसी में तैनात थे। सुबह करीब साढ़े आठ बजे एल्डिगो ग्रीन निवासी संतोष सिंह 1090 से समता मूलक की तरफ जा रहे थे। उन्होंने देखा कि पुल के किनारे एक लाल कार स्टार्ट खड़ी है। उन्होंने नदी में शव उतराता देखा तो पुलिस को सूचना दी।
लिखा था सुसाइड नोट
पुलिस ने कार नंबर की मदद से शिनाख्त का प्रयास किया। इसके साथ मोबाइल में मिले नंबर पर फोन कर संपर्क किया तो पहचान अनूप के रूप में हुई। अनूप ने छलांग लगाने से पहले कार की डैशबोर्ड पर सुसाइड नोट लिखा था। कार में दो मोबाइल, पर्स, डेबिट कार्ड समेत अन्य सामान मिला है। घर की चाभी भी मिली है। इंस्पेक्टर ने बताया कि पत्नी नृत्यांजलि केंद्रीय विद्यालय ऊटी में टीचर हैं। उनको सूचना देकर बुलाया गया है।
शुक्रवार दोपहर निकले थे घर से
दोस्त उजरियांव निवासी रमीज सिद्दीकी ने बताया कि शुक्रवार दोपहर घर से निकले थे। देर रात घर नहीं पहुंचे तो पत्नी फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने सूचना दी तो सभी लोग पता लगाने लगे। शनिवार सुबह दस बजे पुलिस ने मोबाइल आन किया तो संपर्क हो सका।
मौत का जिम्मेदार खुद को बताया
पुलिस ने बताया कि डैशबोर्ड पर अनूप ने तीन लाइन लिखी हैं। उसमें लिखा है कि उसकी मौत का जिम्मेदार वह खुद है। गाड़ी और सारा सामान उनकी पत्नी नृत्यांजलि को दे दिया जाए। घर की चाभी गाड़ी में है। भाई को बैंगलोर से बुला लिया जाए। इसके बाद पत्नी और भाई सोनू के सामने घर को खोला जाए।
अनूप को नहीं था कोई तनाव
नेहरू एन्क्लेव निवासी सौरभ उपाध्याय ने बताया कि अनूप बहुत सुलझे इंसान थे। उन्हें छोटा भाई मानता था। किसी प्रकार का तनाव भी नहीं था, न उसने कुछ बताया कि किसी प्रकार की दिक्कत थी। यह कदम क्यों उठाया किसी को नहीं पता है।