लखनऊ (ब्यूरो)। निमोनिया से फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं, जिससे वायु कोष में तरल पदार्थ या मवाद भर जाता है। जिसकी वजह से लोगों को लगातार खांसी आना, बुखार, ठंड लगना व कफ बनना आदि हो सकता है। यह एक आम बीमारी है, जिसका बचाव एवं इलाज संभव है। पर यथोचित इलाज नहीं करने पर या भयावह रूप ले सकती है और मौत का कारण भी बन सकती है। यह जानकारी मंगलवार को विश्व निमानिया दिवस के अवसर पर जगारूकता कार्यक्रम के दौरान केजीएमयू के रेस्पीरेट्री विभाग के हेड प्रो। सूर्यकांत ने दी।
लोगों को सावधान रहने की जरूरत
प्रो। सूर्यकांत भारत में संक्रामक रोगों से होने वाली मृत्यु में से लगभग 20 फीसदी निमोनिया की वजह से होती है। इसके अलावा अस्पताल में होने वाले संक्रामक रोगों में यह बीमारी दूसरे पायदान पर है। प्रतिवर्ष निमोनिया लगभग 45 करोड़ लोगों को प्रभावित करता है। जो कि विश्व की जनसंख्या का 7 प्रतिशत है। और इसके कारण लगभग 40 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है। पर कुछ बीमारियां एवं स्थितियां ऐसी है जिसमें निमोनिया होने का खतरा अधिक होता है। जैसे धूम्रपान, शराब एवं नशा पीड़ित, डायलिसिस करवाने वाले रोगी आदि है। क्योंकि ऐसे मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। इस दौरान डॉ। आरएएस कुशवाहा, डॉ। संतोष कुमार, डॉ। अजय कुमार वर्मा, डॉ। दर्शन कुमार बजाज मौजूद रहे।
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डेंगू के 37 और मलेरिया का 1 मरीज मिला
राजधानी में एकबार फिर डेंगू मरीजों की संख्या में उछाल आया है। मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, 37 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसमें सिल्वर जुबली में 3, अलीगंज में 7, टूड़ियागंज में 4, इंदिरा नगर में 6, माल में 1, चिनहट में 2, चंदर नगर में 7, गोसाईगंज में 1, काकोरी में 1, एनके रोड में 3, और बीकेटी में 2 मरीज मिले हैं, जबकि मलेरिया का 1 मरीज टूड़ियागंज में मिला है। माह जनवरी से अब तक जनपद में डेंगू के कुल 2370 एवं मलेरिया के कुल 478 रोगी पाये गये, जबकि 5 घरों को नोटिस थमाई गई।