लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश के 14,700 बच्चों को हर साल कैंसर होता है, जो देश के कुल बाल कैंसर मरीजों का 19 प्रतिशत है। ज्यादातर बच्चे देर से अस्पताल पहुंचते हैं। इसलिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डाक्टरों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। अगर कैंसर के लक्षण वाले बच्चे उनके पास आएं तो वे उन्हें उपयुक्त अस्पताल रेफर करें। यह जानकारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एनएचएम के महाप्रबंधक डॉ। मनोज शुकुल ने मंगलवार को बच्चों में कैसर को लेकर आयोजित वेबिनार के दौरान दी। इसमें सभी 840 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, आरबीएसके टीम के सदस्य और प्रदेश के आरबीएसके काउंसलर शामिल थे।
कैंसर को लेकर जिम्मेदारी अधिक
डॉ। मनोज ने बताया कि 60 प्रतिशत बच्चों तक हम समय से नहीं पहुंच पा रहे हैं। गांव-ब्लाक स्तर पर बैठे चिकित्सकों व अधिकारियों को ध्यान देना होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर चाइल्डहुड कैंसर का लक्ष्य भारत के लिए 2030 तक कम से कम 60 पर्सेंट जीवित रहने की दर है। जिससे अतिरिक्त 10 लाख लोगों की जान बचाई जा सके। वहीं, सोनल शर्मा ने बताया कि संस्था कैंसर से पीड़ित बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने के मिशन के लिए गहराई से प्रतिबद्ध है। कैंसर से जूझ रहा प्रत्येक बच्चा सर्वोत्तम संभव देखभाल और सहायता का हकदार है और सहयोगियों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास करना जारी रखेंगे।
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कैंसर संस्थान डायरेक्टर पद के लिए 32 कैंडिडेट्स शॉर्टलिस्ट
चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में निदेशक पद को लेकर देशभर से आवेदन आये थे। जहां स्क्रीनिंग के बाद 32 डॉक्टर्स को इंटरव्यू के लिए फाइनल किया गया है। जल्द ही इसकी डेट जारी की जाएगी। उम्मीद है कि जल्द ही संस्थान को नया निदेशक मिल सकेगा।
राजधानी से भी आये कई आवेदन
कैंसर संस्थान में इससे पहले भी निदेशक पद के लिए आवेदन के बाद इंटरव्यू तक हो चुके थे। पर किन्ही कारणों से इसे रद्द करते हुए दोबारा आवेदन मांगे गये थे, जिसके बाद बड़ी संख्या से आवेदन आये। जिसमें लखनऊ के मेडिकल संस्थानों से भी बड़ी संख्या में आवेदन आये हैं। इसमें सर्वाधिक 12 आवेदन केजीएमयू से आये हैं। इसके अलावा, पीजीआई के चार और लोहिया संस्थान के तीन डॉक्टर्स ने भी आवेदन किया है, जिसमें अधिकतर विभागाध्यक्ष शामिल हैं। इतना ही नहीं, उत्तराखंड में एक विवि के वीसी ने भी आवेदन किया है।
पुरानी कमेटी लेगी इंटरव्यू
शासन की तरफ से इंटरव्यू के लिए एक्सपर्ट टीम की कोई नई कमेटी नहीं गठित की गई है। अधिकारियों के मुताबिक, पुरानी कमेटी ही इंटरव्यू लेगी। ऐसे में एक बार फिर कहीं भर्ती को लेकर विवाद न शुरू हो जाये।