लखनऊ (ब्यूरो)। गोमती नदी को संजीवनी मिलने जा रही है। दरअसल, अगले छह माह के अंदर दो नए एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) शुरू होने जा रहे हैैं, जिसके बाद गोमा में नालों का शोधित पानी ही जाएगा। जिससे गोमा का जल स्वच्छ रहेगा। गोमा में गिरने वाले नालों के पानी को शोधित करने के लिए कुकरैल और हैदर कैनाल नाले पर एसटीपी बनाने का काम किया जा रहा है और दोनों ही एसटीपी का काम लगभग अंतिम चरण में हैैं। अगले छह माह के अंदर इन दोनों का काम पूरा होने की पूरी संभावना है। जिसके बाद जो नाले प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से गोमा में सीधे गिर रहे हैैं, उन्हें एसटीपी के माध्यम से शोधित किया जा सकेगा। जिससे गोमा का पानी और स्वच्छ होगा।
सभी नाले टैप किए गए
निगम प्रशासन की माने तो गोमा में गिरने वाले डेढ़ दर्जन से अधिक नालों को टैप किया जा चुका है। जबकि कई अन्य प्वाइंट्स पर गिरने वाले नालों को टैप करने के लिए कार्ययोजना तैयार की जा चुकी है। इस पर भी अगले माह से काम शुरू हो जाएगा। जिससे गोमा में कोई भी नाला प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नहीं गिरेगा।
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की व्यवस्था
इस समय भरवारा और दौलतगंज एसटीपी में सीवेज के पानी को ट्रीट कर इसे गोमती में छोड़ा जाता है और बाद में गोमा से पेयजल की आपूर्ति की जाती है। करीब 401 एमएलडी पानी ट्रीट किया जा रहा है। इसके साथ ही भरवारा हो या दौलतगंज एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट), दोनों में एक ही तकनीक अपनाने की तैयारी की जा रही है, जिसके बाद दोनों एसटीपी से गोमती में जाने वाला सीवेज के पानी में पॉल्यूशन बेहद कम होगा।
दौलतगंज में एसटीपी तैयार
जलनिगम की ओर से एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लान) व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में ठोस रणनीति बनाई गई है। अगले महीने एक एसटीपी तो शुरू होने भी जा रहा है। 39 एमएलडी का यह एसटीपी दौलतगंज में तैयार हो रहा है। जब ये सभी एक्टिव हो जाएंगी तो इसका फायदा सीधे गोमा को मिलेगा।
इस तरह समझें
345 एमएलडी क्षमता भरवारा एसटीपी की
56 एमएलडी क्षमता दौलतगंज एसटीपी की
450 एमएलडी सीवेज पानी हो रहा ट्रीट
701 एमएलडी सीवेज हो रहा जेनरेट
लगातार होगा सर्वे
गोमा में कोई भी नाला सीधे तौर पर न गिरे, इसके लिए गोमती से कनेक्टेड प्वाइंट्स पर लगातार सर्वे भी कराया जाएगा। जिससे यह पत लग सकेगा कि कितने ऐसे प्वाइंट्स हैैं, जिसके माध्यम से छोटे नाले गोमती में गिर रहे हैैं। इन प्वाइंट्स को तत्काल बंद किया जाएगा। इसके साथ ही गोमती से जुड़े घाटों पर भी व्यापक सफाई अभियान चलेगा।
अगले छह माह के अंदर कुकरैल और हैदर कैनाल नाले पर बन रहे एसटीपी का काम पूरा हो जाएगा। जिसका फायदा यह होगा कि नालों का पानी शत प्रतिशत शोधित किया जा सकेगा।
इंद्रजीत सिंह, नगर आयुक्त