लखनऊ (ब्यूरो)। बस डेढ़ माह का इंतजार, फिर आप आईआईएम से सीधे पक्का पुल तक रफ्तार भर सकेंगे और आपको जाम की समस्या का भी सामना नहीं करना पड़ेगा। इसकी वजह यह है कि एलडीए के ग्रीन कॉरीडोर फर्स्ट फेज का काम लगभग पूरा होने की कगार पर है और पूरी संभावना है कि जनवरी के थर्ड वीक में इसे पब्लिक के लिए शुरू भी कर दिया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ, सेकंड फेज और थर्ड फेज को लेकर भी काम शुरू कर दिया गया है।

फ्लाईओवर्स का बजट तय

एक तरफ जहां पहले फेज का काम लगभग अंतिम चरण में है, वहीं दूसरी तरफ, सेकंड फेज के अंतर्गत तैयार किए जाने वाले फ्लाईओवर्स का बजट भी क्लियर हो गया है। पूरी संभावना है कि दिसबंर माह से फ्लाईओवर्स निर्माण का काम भी शुरू हो जाएगा। फ्लाईओवर्स का डिजाइन पहले ही फाइनल किया जा चुका है।

अभी घूमकर जाना पड़ता है

अभी आईआईएम से शहीद पथ, डालीगंज या पक्का पुल जाने के लिए लोगों को घूमकर जाना पड़ता है। जिससे उनका समय भी बर्बाद होता है। अगर कहीं जाम मिल जाए तो स्थिति और खराब हो जाती है। इस प्रोजेक्ट को लाने की प्रमुख वजह भी यही है कि शहर के एक कोने से दूसरे कोने तक की कनेक्टिविटी बेहतर हो सके। जब पहले फेज का फर्स्ट पार्ट तैयार हो जाएगा तो पब्लिक सीधे आईआईएम से पक्का पुल तक आ सकेगी और वो भी बिना किसी जाम में फंसकर। वहीं सेकंड पार्ट में पब्लिक सीधे आईआईएम से पक्का पुल, डालीगंज, समता मूलक पहुंच जाएगी। वहीं थर्ड फेज शहीद पथ कनेक्टिविटी तक है और इसके बाद लॉस्ट फेज में शहीद पथ को किसान पथ से कनेक्ट किया जाएगा।

ये फायदा भी मिलेगा

- कम समय में पूरा होगा सफर

- लोग जाम में नहीं फंसेंगे

- ईंधन की खपत होगी कम

- वायु प्रदूषण में भी आएगी कमी

कार्ययोजना तैयार

एलडीए वीसी के निर्देश पर तीसरे और चौथे कॉरीडोर को लेकर भी कार्ययोजना तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है। तीसरे फेज में तीन से चार प्वाइंट्स पर एंटरटेनमेंट प्वाइंट्स भी डेवलप करने की योजना है, जिससे पब्लिक यहां पर क्वालिटी टाइम स्पेंड कर सके। हालांकि लॉस्ट के दो कॉरीडोर पूरा होने में थोड़ा समय लग सकता है। एलडीए प्रशासन का प्रयास यही है कि पहले जल्द से जल्द पहले और दूसरे चरण के कॉरीडोर को शुरू कराया जाए। जिससे शहर के अंदर कनेक्टिविटी बेहतर हो सके।

ग्रीन कॉरीडोर के पहले फेज का काम लगभग अंतिम चरण में है। प्रयास यही है कि जनवरी माह से इस कॉरीडोर को शुरू कर दिया जाए। जिससे आईआईएम से पक्का पुल पहुंचना बेहद आसान हो जाएगा।

डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए