लखनऊ (ब्यूरो)। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को हाईटेक करने का दावा केवल कागजों पर है, जबकि जमीनी हकीकत उससे परे है। राजधानी में करीब 520 चौराहे व तिराहे हैं, अब तक केवल 180 चौराहों पर ही ट्रैफिक सिग्नल ही लग सके हैं। उसमें से भी कई ट्रैफिक सिग्नल खराब है या फिर पेड़ पत्तों में छिप गए हैं, जिससे लोगों को रेड सिग्नल नजर नहीं आता है और अंजाने पर वे ट्रैफिक सिग्नल जंप कर देते हैं और उन्हें जुर्माना भरना पड़ता है।

कोनेश्वर चौराहा

चौक इलाके का कोनेश्वर चौराहा सबसे बिजी चौराहा है। यह हर दिन लाखों वाहनों का आते जाते है। इस चौराहे पर ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के साथ-साथ ट्रैफिक सिग्नल भी लगाए गए है। हालांकि, चौराहे पर लगे ट्रैफिक सिग्नल कई दिनों से बंद हैं, जिसके चलते चारों तरफ ट्रैफिक एक साथ मूव करता है और हादसे खतरा बना रहता है।

ग्लोब पार्क चौराहा

कैसरबाग और कचहरी की तरफ से आने वाला ट्रैफिक ग्लोब पार्क से होकर शहर में आता है। इसके अलावा परिवर्तन चौक व हजरतगंज से ट्रैफिक चौक की तरफ जाने के लिए ग्लोब पार्क से होकर जाता है। इस चौराहे पर सबसे ज्यादा ट्रैफिक लोड रहता है। ट्रैफिक व्यवस्था के लिए यहां ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी तो लगाई जाती है लेकिन यहां लगे ट्रैफिक सिग्नल काफी समय से बंद है।

श्रीराम टावर तिराहा

श्रीराम टावर तिराहा से हजरतगंज की तरह ट्रैफिक आता है और नरही, डालीबाग की तरफ से हजरतगंज की तरफ ट्रैफिक चलता है। यह तिराहा सुबह से लेकर रात तक बिजी रहता है। यहां पर ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए ट्रैफिक पुलिस कर्मी की ड्यूटी नहीं लगती है। ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए ट्रैफिक सिग्नल लगाया गया है लेकिन यह पेड़ों के पत्तों के पीछे छिप गया है। जिससे लोगों को रेड व ग्रीन सिग्नल नजर नहीं आता है और रेड होने के बाद भी ट्रैफिक सिग्नल जंप करते हैं।

जवाहर भवन तिराहा

जवाहर भवन तिराहा सबसे बिजी तिराहा है। यहां कई सरकारी ऑफिस के मुख्यालय है। इसके अलावा इस तिराहे से हजरतगंज व सिकंदरबाग की तरह से ट्रैफिक आता है और कमांड ऑफिस की तरफ ट्रैफिक मूव करता है। इस तिराहे पर ट्रैफिक पुलिस कर्मी की ड्यूटी लगाई जाती है। ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए ट्रैफिक सिग्नल भी लगा है लेकिन वह भी पेड़ों के पत्तों के छिपने के वजह से नजर नहीं आता। जिससे कई बार लोग ट्रैफिक रूल्स को फॉलो नहीं करते है और सिग्नल जंप कर देते है।

नीलगिरी चौराहा

नीलगिरी चौराहा पर बादशाह नगर व लेखराज की तरफ से तेज ट्रैफिक भूतनाथ व पॉलिटेक्निक तरफ जाता है। नीलगिरी चौराहे से क्रास ट्रैफिक भी मूव करता है। इंदिरा नगर से आने वाला ट्रैफिक क्रास कर रविन्द्र पल्ली व निशातगंज की तरफ जाता है। यहां पर ट्रैफिक पुलिस कर्मी की ड्यूटी नहीं लगती है। ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए ट्रैफिक सिग्नल लगाया गया है लेकिन वह इस कदर पेड़ों में छिप गया कि न तो लोगों रेड सिग्नल नजर आता और न ही ग्रीन। अपने हिसाब से ट्रैफिक मूव करता है और हर वक्त हादसे का खतरा बना रहता है।

क्या बोली पब्लिक

पॉलीटेक्निक चौराहे पर रेड सिग्नल के बाद भी ट्रैफिक नहीं रुकता है। कई ऐसे सिग्नल हैं जिन पर हमेशा यलो लाइट जलती रहती है। न कभी ग्रीन होती है और न ही रेड। ऐसी स्थिति में चौराहे व तिराहे पर हर तरफ से ट्रैफिक आता है और हर वक्त हादसे का खतरा बना रहता है।

-डॉ। निशांत कनोडिया

शहर का विस्तार दिन पर दिन हो रहा है, पांच से छ सौ चौराहे व तिराहे है। जिसमें ट्रैफिक प्रेशर हमेशा बना रहता है। ट्रैफिक सिग्नल की बात करें तो केवल शहरी क्षेत्र के चुनिंदा चौराहों पर लगे हैं। ट्रैफिक सिग्नल के बाद भी ट्रैफिक सिपाहियों की ड्यूटी लगाई जाती है।

-सुनील यादव

शहर में कई ट्रैफिक सिग्नल या तो बंद हैं या फिर वे पेड़ों के पत्तों के बीच छिप गए है। जिससे रेड व ग्रीन सिग्नल नजर नहीं आता है। कई बार अनदेखी में लोग ट्रैफिक सिग्नल जंप कर जाते हैं और उनके व्हीकल का चालान कट जाता है।

-राजेंद्र गोयल

शहर में ट्रैफिक सिग्नल्स को बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा शहर में जिन जगहों पर ट्रैफिक सिग्नल खराब है या फिर पेड़ पत्तों में छिप गए है, जिन्हें ठीक कराने के लिए नगर निगम को पत्र लिखा गया है। इस समस्या से जल्द ही निजात मिल जाएगी।

-प्रबल प्रताप सिंह, डीसीपी ट्रैफिक