लखनऊ (ब्यूरो)। नाका के राजेंद्र नगर में गुरुवार सुबह बेसमेंट की खोदाई के दौरान मिट्टी धंसने से तीन मजदूर दब गए। साथी मजदूरों ने चीख-पुकार मचाई तो पड़ोसी पहुंचे। उनकी मदद से तीनों को बाहर निकाला गया। इसके बाद पुलिस की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया, जहां तीनों की हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं, एलडीए और पुलिस की संयुक्त टीम ने निर्माण पर रोक लगाते हुए उसे सील कर दिया है।

रोहाउस का कराया जा रहा था निर्माण

राजेंद्र नगर में सीएमएस स्कूल के पास वैभव गुप्ता का एक प्लॉट है, जिस पर वह रोहाउस का निर्माण करवा रहे हैं। इसके लिए पिछले कुछ दिनों से बेसमेंट की खोदाई की जा रही थी। गुरुवार को सीतापुर देहात कोतवाली के गौरव अर्जुनपुर निवासी जयदयाल, उनका बेटा सरोज कुमार, बहू फूलमती समेत आठ मजदूर काम कर रहे थे। तभी अचानक मिट्टी धंस गई, जिसके नीचे फूलमती, जयदयाल और सरोज दब गए। यह देख साथी मजदूर चीख-पुकार मचाते हुए मिट्टी हटाने लग। मदद के लिए पड़ोसी भी पहुंच गए। उन्होंने पुलिस को सूचना देने के साथ ही मजदूरों की मदद की। करीब डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद तीनों को बाहर निकाला गया। सूचना मिलते ही एसीपी कैसरबाग रत्नेश ङ्क्षसह, इंस्पेक्टर नाका वीरेंद्र त्रिपाठी भी पहुंच गए। एसीपी ने बताया कि अभी तक मामले में कोई शिकायत नहीं मिली है।

बिना मानक के कर रहे थे खोदाई

पिछले कई दिनों से खोदाई चल रही है। घटनास्थल पर देखने पर पाया गया कि ठेकेदार ने खोदाई के दौरान सुरक्षा के मानक तक पूरे नहीं किए थ। इसके बाद भी मजदूरों की जान जोखिम में डालकर खोदाई करवा रहा था। एलडीए ने प्लाट को सील कर दिया है। सवाल पूछने पर नक्शा पास न होने का हवाला दिया जा रहा है।

पड़ोसी ने उठाए सवाल

पड़ोसी प्रत्यूश श्रीवास्तव ने बताया कि मकान निर्माण के लिए खोदाई करवाई जा रही थी। इसकी जानकारी प्लॉट मालिक की तरफ से नहीं दी गई थी। खोदाई के कारण उनके मकान की नींव तक कमजोर हो गई है। अगर उनके मकान में किसी भी प्रकार की दिक्कत आती है, तो इसके जिम्मेदार प्लॉट मालिक होंगे।