लखनऊ (ब्यूरो)। युवाओं में ग्लूकोमा की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। बीते पांच सालों में इनकी संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इसकी बड़ी वजह स्टेरायड का यूज, बीपी की समस्या और खराब लाइफस्टाइल है। केजीएमयू के नेत्र रोग विभाग के ग्लूकोमा क्लीनिक में आने वाले मरीजों के डेटा एनालिसिस में यह बात सामने आई है।

40-50 मामले हर माह आ रहे

केजीमएमयू के नेत्र रोग विभाग के डॉ। एसके भास्कर ने बताया कि ग्लूकोमा के मरीज लगातार आ रहे हैं। बीते 5 सालों की बात करें तो 10-15 पर्सेंट अधिक मरीज आ रहे हैं। महीने में 40-50 ऐसे मरीज आ जाते हैं। इसमें करीब 10 नये मरीज होते हैं। बच्चों और बुजुर्गों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है। वहीं, ओपीडी में 8-10 युवा इस समस्या वाले होते हैं, जिनकी उम्र 20-30 के बीच होती है।

स्टेरायड का यूज बड़ी वजह

डॉ। भास्कर के मुताबिक, ग्लूकोमा के मरीजों की संख्या अधिक हो गई इसका मतलब यह नहीं कि रोग बढ़ गया है, बल्कि यह जल्दी डिटेक्ट हो रहा है। जागरूकता की वजह से पहले के मुकाबले अधिक लोग आंखों की जांच करा रहे हैं। वहीं, जो युवा जिम जाते हैं और स्टेरायड का इस्तेमाल करते है उनमें यह समस्या अधिक होने की संभावना रहती है। दरअसल, स्टेरायड खाने से आंखें लाल होती हैं। लोग ऐसी समस्या होने पर खुद से आंख की कोई दवा ले लेते हैं, जिससे समस्या तो ठीक हो जाती है, पर इसका असर बना रहता है। जो आगे चलकर ग्लूकोमा में बदल जाता है। ऐसे में, बिना डॉक्टर की सलाह के स्टेरायड नहीं लेना चाहिए।

बीपी भी बड़ी समस्या

डॉ। भास्कर के मुताबिक, युवाओं में बीपी भी बढ़ रहा है। जो वर्क प्रेशर और खानपान की समस्या के कारण होता है, जिससे आंखों पर प्रेशर बढ़ जाता है। इसके अलावा, पाल्यूशन से भी ग्लूकोमा का खतरा हो सकता है। वहीं, अगर यह फैमिली में किसी को है, तो अन्य को होने के चांसेज ज्यादा रहते हैं। ग्लूकोमा की सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसके कोई प्रत्यक्ष लक्षण नहीं होते हैं। केवल 40 साल की उम्र के बाद आंखों का लाल होना या खुजली होने जैसी समस्या हो सकती है। इसे ठीक नहीं किया जा सकता, पर आंख की जितनी रोशनी बची है, उसे जाने से बचाने के लिए दवा की मदद से डिले जरूर किया जा सकता है। समय-समय पर आंखों की जांच बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है।

ऐसे करें अपना बचाव

-लाइफस्टाइल बदलें

-स्टेरायड लेने से बचेंं

-बीपी कंट्रोल में रखें

-डायबिटीज कंट्रोल में रखें

स्टेरायड के लंबे समय तक इस्तेमाल से भी ग्लूकोमा का खतरा बढ़ता है। जिम जाने वाले युवाओं में या स्टेरायड यूज करने वालों में इस समस्या की आशंका अधिक रहती है।

-डॉ। एसके भास्कर