लखनऊ (ब्यूरो)। जानकीपुरम सहारा स्टेट गेट नंबर दो के पास रहने वाले विनय दुबे हलवालिया ग्रुप में सुपरवाइजर हैं वर्तमान में वह गुडगांव में तैनात हैं। परिवार में पत्नी एक बेटी और बेटा आदित्य दुबे (17) है। आदित्य ने 12वीं पास करने के बाद अप्रैल में ही इंजीनियरिंग एड्रेंस एग्जाम (जेईई) के लिए हजरतगंज स्थित इनफिनिटिव कोचिंग में एडमिशन लिया था। कोचिंग क्लास सुबह 9 बजे से 2 बजे तक चलती है लेकिन शनिवार को वह अपनी क्लास में नहीं गया। जबकि आदित्य घर से कोचिंग जाने की बात कहकर सुबह चार बजे निकला था।

फायर एक्जिट सीढिय़ों से पहुंचा 8वींं मंजिल पर
इंस्पेक्टर हजरतगंज विक्रम सिंह ने बताया कि आदित्य हलवासिया बिल्डिंग के आस-पास करीब 4.45 बजे पहुंचा। बिल्डिंग में लगे सीसीटीवी फुटेज में इस टाइम पर उसे देखा गया है। वह मोबाइल पर लगाता एक युवती से बात कर रहा था। मोबाइल से उसने करीब 10 बार युवती को कॉल और मैसेज किए। सुबह 6.30 बजे उसने वीडियो कॉल की थी। दोनों के बीच विवाद हो रहा था। सुबह 6.45 बजे तक वह युवती के मोबाइल पर कॉल करता रहा। इसके बाद वह हलवासिया कामर्स बिल्डिंग के बैक साइड बनी फायर एक्जिट की बंद सीढिय़ों से फांदकर 8वीं मंजिल पर गया और वहां बैग रखकर सुबह 7 बजे नीचे छलांग लगा दी।

दोनों के बीच हुआ था झगड़ा
डीसीपी सेंट्रल रवीना त्यागी ने बताया कि आदित्य ने ब्रेकअप से दुखी होकर यह कदम उठाया है। शुरूआती जांच में सामने आया कि आदित्य की उसकी दोस्त से दो दिन पहले झगड़ा हुआ था। पुलिस ने बिल्डिंग की छत से आदित्य का बैग बरामद किया है, जिसमें कापी किताब के अलावा मेट्रो का कार्ड और मोबाइल फोन मिला है। मोबाइल फोन की डिटेल के आधार पर यही वजह सामने आई है। मोबाइल फोन की कॉल डिटेल समेत चैट की डिटेल भी खंगाली जा रही है।

दिन भर मोर्चरी में रहा शव
आदित्य की मौत सुबह 7.30 बजे हो गई थी और पुलिस उसके शव को सिविल हॉस्पिटल की मोर्चरी में रख कर परिवार का इंतजार करती रही। जानकीपुरम में रहने वाले उसे चाचा और बहन मौके पर पहुंचे और उसके पिता व मां का गुडगांव से लौटने का इंतजार करते रहे। आदित्य के चाचा कैंसर के मरीज हैं और हाल में आदित्य के ताऊ की भी मौत हो गई थी। शाम 4.30 बजे के बाद उसके पिता विनय और मां गुडगांव से सीधे सिविल हॉस्पिटल आए।

मोबाइल पर बेटे की फोटो देख चीखी मां
शाम पांच बजे सिविल हॉस्पिटल की मोर्चरी में बेटे की एक झलक पाने के लिए पिता विनय और मां गुहार लगा रहे थे। जब पंचनामा के लिए आदित्य के शव को बाहर लाया गया तो उसकी मां चीख पड़ी। गिरने के कारण आदित्य का सिर और चेहरा पूरी तरह बिगड़ गया था। रोते हुए मां ने मोबाइल निकाला और उसमें अपने बेटे की तस्वीर देख चीखने लगी। काफी देर तक वह वहीं रोती रहीं और फिर यह बोलीं, मालून नहीं था बेटे को इस हाल में देखना पड़ेगा।