लखनऊ (ब्यूरो)। कई बार जिंदगी इंसान के सामने ऐसे हालात खड़े कर देती है, जो उसे परेशान तो जरूर करते हैं, पर उसकी असल क्षमताओं से उसकी मुलाकात भी करवाते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ लखनऊ के जानकीपुरम एक्सटेंशन में रहने वाली 47 वर्षीय हाउसवाइफ बलबिंदर कौर के साथ। उन्होंने रनिंग तो अपना बढ़ा वजन और ब्लड प्रेशर कम करने के लिए शुरू की थी, लेकिन रनिंग अब उनका जुनून बन गई है। देश के अलग-अलग हिस्सों में होने वालीं अल्ट्रा डिस्टेंस मैराथन में अपना झंडा गाड़ने के अलावा वह 122 किमी दूरी वाली 'सिल्क रूट अल्ट्रा मैराथन' पूरी करने वाली यूपी की पहली महिला भी बन गई हैं। पढ़ें अंकुर दीक्षित की रिपोर्ट

सेहत बिगड़ी तो शुरू की रनिंग

बलबिंदर बताती हैं, 'मेरी जिंदगी बाकी टिपिकल इंडियन हाउसवाइव्स की तरह ही तरह थी, जो अपने घर, बच्चों और हसबैंड की देखभाल किया करती थी। इस सबके बीच कब मेरा वजन 90 किलो पार कर गया और मेरा ब्लड प्रेशर, शुगर वगैरह खतरे के निशान तक पहुंच गया, पता ही नहीं चला। मैं न तो शादी से पहले और न शादी के बाद कोई स्पोर्ट्स खेलती थी। उस दौरान मेरे हसबैंड डॉ। करनैल सिंह, जो एक मैराथन रनर हैं, ने मुझसे कहा कि अब मुझे अपनी सेहत को लेकर सतर्क हो जाना चाहिए और कोई फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए। यहीं से पहले वॉकिंग, फिर जॉगिंग, फिर रनिंग और फाइनली मैराथन रनिंग की शुरुआत हुई।'

फैमिली का मिला पूरा साथ

वह आगे बताते हुए कहती हैं, 'मेरे हसबैंड तो हमेशा ही मेरा साथ देते हैं, पर मेरे दोनों बच्चे, जिनकी उम्र 22 और 17 साल है, वे भी मुझे मोटीवेट करते हैं। जब मैंने 6 महीनों में अपना 30 किलो वजन कम किया, बीपी और शुगर लेवल नार्मल हो गया तो सभी हैरान रह गए। मेरे आसपास रहने वाले लोगों का भी सपोर्ट मुझे हमेशा मिलता रहा है। मेरे हसबैंड मेरी डाइट का ख्याल रखते हैं और रोज मेरे साथ रनिंग भी करते हैं। मेरे कोच रि। कर्नल बजरंग सिंह भी मेरी ट्रेनिंग का पूरा ध्यान रखते हैं।'

महिलाओं की करती हैं मदद

अपनी पटरी से उतरी सेहत को रनिंग के जरिए सही ट्रैक पर लाने वाली बलबिंदर अब उन हाउसवाइव्स की भी मदद कर रही हैं, जो परिवार की जिम्मेदारियों के बीच अपनी सेहत का ख्याल नहीं रख पातीं। वह ऐसी महिलाओं को रनिंग करने को लेकर गाइड और मोटीवेट करती हैं। देश की महिलाओं और यंग लड़कियों से उनका कहना है कि अपना पैशन फॉलो करें, खुद को पुश करें और खुद पर भरोसा रखें। रोज छोटे-छोटे कदम बढ़ाएं। एक दिन आप वो हासिल कर लेंगी जिसके बारे में कभी सोचा भी नहीं होगा। वह हेल्दी इंडिया का विजन लेकर काम कर रही हैं। उनका मानना है कि अगर घर की महिला हेल्दी रहेगी तो पूरा परिवार हेल्दी रहेगा, परिवार हेल्दी रहेगा तो देश हेल्दी रहेगा।

50% ऑक्सीजन में दौड़ीं 122 किमी

बलबिंदर की पहली ऑफीशियल रन 2019 में थी। कुछ वक्त पहले ही उन्होंने लदाख में 17,800 फीट पर 50% ऑक्सीजन के बीच ऑर्गनाइज होने वाली 122 किमी दूरी वाली दुनिया की हाईएस्ट अल्ट्रा मैराथन 'सिल्क रूट अल्ट्रा' में हिस्सा लिया और इसे पूरा करने वाली उत्तर प्रदेश की पहली महिला बनीं। इस साल देश-दुनिया के कुल 68 रनर्स ने इसमें हिस्सा लिया और 32 ही इसे पूरा कर सके। अब तक कुल 7 महिलाओं ने यह रेस पूरी की है, जिनमें बलबिंदर सबसे उम्रदराज हैं। उनकी टाइमिंग 20 घंटे 50 मिनट 45 सेकंड रही। इसके अलावा भी वह देश में 42 से लेकर 100 किमी की दर्जनों मैराथन में पोडियम फिनिश कर गोल्ड, सिल्वर, ब्रोंज मेडल हासिल कर चुकी हैं।

साड़ी पहनकर पूरी की मैराथन

हाल ही में उन्होंने साड़ी पहनकर मैराथन रेस में हिस्सा लिया और 21.1 किमी की दूरी पूरी कर ओपन फीमेल कैटेगरी में ब्रोंज मेडल जीता जबकि 40+ कैटेगरी में गोल्ड उनके नाम रहा। वहीं, पिछले साल दिसंबर में उन्होंने 'नारी शक्ति रन' के अंतर्गत लखनऊ के 1090 चौराहे से अयोध्या के श्रीराम मंदिर तक 161 किमी की दूरी 22 घंटे 38 मिनट में दौड़कर पूरी की थी।