लखनऊ (ब्यूरो)। अगर किसी महिला को बार-बार मिसकैरेज हो रहा है या बच्चा बार-बार बीमार पड़ रहा है, तो इसके पीछे की एक वजह पुरुष की खराब स्पर्म क्वालिटी भी हो सकती है। कई रिसर्च इस बात की ओर इशारा भी करती हैं। एक्सपर्ट्स की माने तो अगर आप बच्चा प्लान कर रहे हैं तो कम से कम 6 माह पहले से हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं। खासतौर पर अल्कोहल, टौबेको और स्मोकिंग बंद करनी चाहिए।
स्पर्म क्वालिटी पर पड़ता है असर
इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के साइंटिस्ट द्वारा 50 पुरुषों पर रिसर्च में पाया गया कि खराब स्पर्म क्वालिटी के कारण उनके साथी को तीन या अधिक बार मिसकैरेज हुआ था। प्लेसेंटा के निर्माण में स्पर्म की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जो भ्रूण को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण है। ऐसे में खराब क्वालिटी के चलते भ्रूण पर असर पड़ सकता है, क्योंकि स्पर्म का डीएनए खराब हो जाता है।
लगातार बढ़ रही इंफर्टिलिटी
क्वीन मेरी की हेड और आईवीएफ सेंटर की नोडल डॉ। अंजू अग्रवाल ने बताया कि महिलाओं में मिसकैरेज के कई कारण होते हैं। इसमें प्रेग्नेंसी के दौरान क्रोमोजोनम समस्या, म्यूटेशन यह कोई अन्य समस्या हो सकती है। पर जब कोई कारण नहीं होता है तो खराब स्पर्म क्वालिटी की वजह से इंप्लीकेट किया जाता है। मिसकैरेज होने का यह भी एक कारण हो सकता है, क्योंकि लोग इसको लेकर ज्यादा टेस्ट नहीं करवाते हैं। इसीलिए आईवीएफ के लिए आने वाले कपल्स में पुरुषों का डीएनए फ्रेग्मेंटेशन इंडेक्स टेस्ट कराया जाता है। जिसमें स्पर्म क्वालिटी कैसी है, इसका पता लगाया जाता है। कई बार महिला खराब स्पर्म क्वालिटी के बावजूद प्रेग्नेंट हो जाती है, लेकिन बाद में मिसकैरेज या कोई अन्य समस्या हो जाती है। वहीं, इसको लेकर लगातार रिसर्च की जा रही है।
ये आदतें स्पर्म क्वालिटी करती खराब
डॉ। अंजू अग्रवाल ने बताया कि पुरुषों में इंफर्टिलिटी की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। जिसकी बड़ी वजह अल्कोहल, टोबैको और स्मोकिंग की आदत होती है। जब लोग आईवीएफ के लिए आते हैं और पुरुषों की स्पर्म क्वालिटी खराब मिलती है तो उनको पहले ट्रीट किया जाता है। अगर किसी को कंसीव करना हो तो यह सलाह दी जाती है कि 6 माह पहले या कम से कम 3 माह पहले से हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं। हमारे यहां ओपीडी में हर माह ऐसे करीब 50-60 केस आते हैं।
बच्चा पड़ता है बार-बार बीमार
डॉ। रेखा सचान के मुताबिक, अगर स्पर्म क्वालिटी खराब हो और बच्चा हो जाये तो आगे चलकर बच्चे को बार-बार बीमार होने का खतरा बढ़ सकता है। क्योंकि डीएनए में गड़बड़ी की वजह से ऐसा होता है। तभी हम आजकल देखते हैं कि बच्चे जल्दी-जल्दी बीमार पड़ रहे हैं। हालांकि, यह कई कारणों में से महज एक कारण हो सकता है। कपल्स को सलाह दी जाती है कि कंसीव करने से पहले किसी भी तरह के नशे, तनाव आदि से दूर रहे, क्योंकि ये फैक्टर स्पर्म क्वालिटी को खराब करते हैं।
स्पर्म की खराब क्वालिटी भी मिसकैरेज का एक कारण हो सकता है। इसको लेकर कई रिसर्च की जा रही हैं। इसके अलावा, अगर बच्चे का जन्म हो भी जाता है तो वह कमजोर हो सकता है। ऐसे में, कंसीव करने का फैसला करने से 3-6 माह पहले हेल्दी लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए।
-डॉ। अंजू अग्रवाल, क्वीन मेरी
यह है प्रमुख कारण
-हाई बीपी
-हार्ट डिजीज
-स्किन और ग्लैंडुलर विकार
-कैफीन का अधिक सेवन
-रेड मीट का अधिक सेवन
-जंक फूड अधिक खाना
-एनवायरमेंटल फैक्टर
-टेंशन, एंग्जायटी व डिप्रेशन