लखनऊ (ब्यूरो)। मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ धूम्रपान व्यक्ति की शारीरिक सेहत पर भी नकारात्मक असर डालता है। अगर गर्भवती धूम्रपान करती है, तो महिला और गर्भस्थ दोनों के लिए यह हानिकारक है। धूम्रपान से शरीर में निकोटिन, कार्बन मोनोऑक्साइड और टार जैसे हानिकारक केमिकल्स प्रवेश कर जाते हैं। जो शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचाता है। यह जानकारी केजीएमयू की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ। सुजाता देव ने धूम्रपान निषेध दिवस पर दी।
हड्डियों के टूटने का खतरा
डॉ। सुजाता बताती हैं कि एक शोध के अनुसार, गर्भवती महिलाएं अगर धूम्रपान करती हैं तो इसका खतरनाक असर उनके होने वाले बच्चों पर पड़ता है। शोध के मुताबिक, गर्भाशय के दौरान धूम्रपान करने से नवजात बच्चे में हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ जाता है। इस शोध के निष्कर्षों को 16 लाख शिशुओं के डाटा के आधार पर तय किया गया है। ऐसे में, गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने वाली महिला और गर्भ में पल रहे बच्चे को कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इसकी वजह से गर्भपात या प्री-टर्म भी हो सकता है। गर्भावस्था में धूम्रपान से गर्भपात का खतरा बना रहता है। इसकी वजह से महिला के गर्भवती होने के पहले तीन महीने के भीतर गर्भपात हो सकता है। कई बार गर्भवास्था के 20 सप्ताह के बाद भी गर्भपात हो सकता है। धूम्रपान के दौरान तंबाकू के धुएं में मौजूद हानिकारक केमिकल्स भ्रूण के विकास को रोकने और उसे नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं।
बच्चे पर बुरा असर
डॉ। सुजाता के मुताबिक, गर्भावस्था में धूम्रपान करने से मां के शरीर में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा नहीं पहुंचती है। जिससे शिशु को सांस संबंधी परेशानी हो सकती है। साथ ही उसके मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान गर्भ में पल रहे भ्रूण को पोषक तत्व और ऑक्सीजन की सप्लाई करने का काम प्लेसेंटा करता है। इस दौरान धूम्रपान से महिलाओं में प्लेसेंटल दिक्कतें हो सकती हैं। जिसकी वजह से गंभीर रूप से ब्लीडिंग हो सकती है और इसके कारण मां और बच्चे दोनों की जान को गंभीर खतरा रहता है। साथ ही जन्म के समय बच्चे का वजन कम हो सकता है। बच्चे को दिल की बीमारियों सहित सुनने और आंख से जुड़ी परेशानियां भी हो सकती हैं, इसलिए धूम्रपान से दूर रहना चाहिए।