लखनऊ (ब्यूरो)। इस वर्ष धनत्रयोदशी के दिन 29 अक्टूबर मंगलवार को 10:59 तक द्वादशी तिथि है। इसके बाद त्रयोदशी तिथि प्रारंभ होकर दूसरे दिन 1:04 तक रहेगी। धनत्रयोदशी अर्थात धनतेरस का पर्व मंगलवार को ही मनाया जाना शुभ है। मंगलवार को सायं काल गोधूली वेला में त्रयोदशी तिथि मिल रही है। इसबार की धनत्रयोदशी अत्यंत ही शुभ मानी जा रही है।
मिलता है विशेष लाभ
ज्योतिषाचार्य पं। राकेश पांडेय ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि में समुद्र मंथन के समय आयुर्वेद के देवता भगवान धनवंतरि अमृत का कलश लेकर निकले थे। इस लिए इस तिथि को धनवंतरी जयंती भी कहते है। धनत्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरि की पूजा करने से पूरे वर्ष भर आरोग्यता बनी रहती है। धन त्रयोदशी के दिन कुबेर, गणेश व लक्ष्मी जी के पूजन का विधान हमारे शास्त्रों में बताया गया है।
व्यापारी करें विशेष मुहूर्त में पूजन
व्यापारी वर्ग को चाहिए की धन त्रयोदशी के दिन ही अपने व्यापारिक स्थल पर स्थिर लग्न व गोधूलि बेला वृष लग्न में पूजन करें जो सायं 6:19 से 8:15 तक व रात्रि काल सिंह लग्न रात्रि 12:46 से 3:02 बजे तक है। इस लग्न में गणेश लक्ष्मी व कुबेर जी का पूजन करें। जिससे पूरे वर्ष भर व्यापार में बढोत्तरी होती रहती है व लक्ष्मी गणेश व कुबेर जी की कृपा सदैव बनी रहती है।
इन चीजों की खरीदारी शुभ
धर्मशास्त्रों के अनुसार धन त्रयोदशी तिथि में नवीन बर्तन, चांदी, सोना आदि खरीदना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दिन धातु के बर्तन या अन्य वस्तुएं खरीदना शुभप्रद होता है। खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त 1:41 से 3:12 व सायं 4:40 से 8:15 तक है।
राशियों पर पड़ेगा यह असर
-मेष- व्यापार में वृद्धि व धन का लाभ
-वृष- रोग से भय, भगवान शिव की उपासना से मिलेगा लाभ
-मिथुन- धन प्राप्ति व्यापार में वृद्धि, स्वास्थ के प्रति सावधान रहें
-कर्क- शत्रु से भय, भगवती की उपासना करें और सफेद वस्तुएं दान करने से लाभ
-सिंह- आकस्मिक धन लाभ, रुके कार्य संपन्न होंगे, किसी को भी धन सोच समझकर दें
-कन्या- व्यापार में वृद्धि परंतु मानसिक कष्ट हो सकते है, श्री गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें
-तुला- अपव्य परंतु भगवान शिव की आराधना से कार्यों में सफलता प्राप्ति
-वृश्चिक- निरर्थक भागदौड़, हनुमान जी की आराधना करें, लाल वस्तुएं दान करें समस्याएं दूर होंगी
-धनु- अचानक धन लाभ, व्यापार में वृद्धि
-मकर- रोग की बाहुल्यता, हनुमान जी आराधना करने से लाभ
-कुंभ- कार्यों में वृद्धि व धन लाभ
-मीन- मानसिक कष्ट, पीली वस्तुओं के दान से लाभ संभव