लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ विश्वविद्यालय का 67वां दीक्षा समारोह सोमवार को संपन्न हुआ। समारोह के दौरान स्टूडेंट्स को 1,06,306 डिग्रियां एवं 105 मेधावियों को 196 मेडल प्रदान किए गए। सर्वाधिक 10 गोल्ड मेडल संग कुल 13 मेडल शैलजा चौरसिया को मिले। चांसलर-गवर्नर आनंदीबेन पटेल द्वारा इसरो के निदेशक, नीलेश एम देसाई को मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। भारतीय कंप्यूटर वैज्ञानिक आईटी लीडर और शिक्षाविद पद्मश्री व पद्म भूषण डॉ। विजय पांडुरंग कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
नींव मजबूत होती है
समारोह में गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने कहा कि भारत एक दिन विश्व गुरु जरूर बनेगा। उन्होंने एलयू के द्वारा समर्थ पोर्टल लागू करने, डिजिलॉकर में डिग्री के साथ-साथ मार्कशीट अपलोड करने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने, नैक में ए प्लस प्लस ग्रेडिंग हासिल करने एवं एनआईआरएफ में अच्छी रैंकिंग हासिल करने की सराहना की।
फेल और नो का सही मतलब समझें
इसरो के निदेशक निलेश एम देसाई ने कहाकि जब हम इसरो में शामिल हुए तो वहां मुझे एक मूलमंत्र सिखाया गया जो आज मैं आपको को बता रहा हूं। इसरो में काम करने के दौरान असफलता हाथ लगती है तो वह हमारे लिए एक मौके की तरह होती है। फेल होने का मतलब यह नहीं होता कि आगे कुछ नहीं कर सकते। इसरो में बताया गया है कि फेल (फस्र्ट अटेम्प्ट इज लर्निंग) यानि यह आपके आगे बढऩे का पहला प्रयास है। वहीं, नो का मतलब ना नहीं नेक्स्ट अपार्चुनिटी होता है।
वो सोचें जो दूसरे न सोच सकें
भारतीय कंप्यूटर वैज्ञानिक आईटी लीडर और शिक्षाविद पद्मश्री, पद्मभूषण डॉ। विजय पांडुरंग भातकर ने कहा कि आगे की दुनिया जो होगी वह हमारी यात्राओं की होगी, हमारी बहनों की होगी। भारत दुनिया में उच्चतम राष्ट्र के रूप में सामने आएगा। इसमें सबसे आगे हमारी महिलाएं और बच्चियां होंगी।
इन मेधावियों ने बढ़ाया मान
समारोह के दौरान अनुष्का जैन को चांसलर गोल्ड मेडल, आयुष चौहान को चक्रवर्ती गोल्ड मेडल फॉर सर्विस और कैडेट अंशिका तिवारी को वीसी गोल्ड मेडल (एनसीसी) दिया गया। समारोह में 198 मेडल मेधावियों को दिए गए। मेडल देने के दौरान मेधावियों के परिजनों को भी मंच पर बुलाया गया।
इनके हिस्से में आए कई मेडल
- शैलजा चौरसिया- 10 गोल्ड, दो सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल।
- वैष्णवी मिश्रा व रीमा चौधरी- नौ गोल्ड मेडल।
- रीमा चौधरी- नौ गोल्ड मेडल।
- जूली पटेल- छह गोल्ड मेडल।
- हार्दिक गुप्ता- छह गोल्ड मेडल।
- अर्पिता गोडिन- चार गोल्ड मेडल।
- अर्पन शुक्ला- चार गोल्ड मेडल।
- अनुराग सिंह- चार गोल्ड मेडल।
- निखिल सिंह- तीन गोल्ड मेडल।
- अर्शी श्रीवास्तव- तीन गोल्ड मेडल।
- जान्हवी पटेल- तीन गोल्ड मेडल।
- अदिति बाजपेयी- तीन गोल्ड मेडल।
- दिव्यांशी मिश्रा- तीन गोल्ड मेडल।
- शशांक शेखर पांडेय- तीन गोल्ड मेडल।
- प्रियांशी गुप्ता- तीन गोल्ड मेडल।
- श्रुति गुप्ता- तीन गोल्ड मेडल।
- प्रिया मिश्रा- तीन गोल्ड मेडल।
- शिखर भारती- तीन गोल्ड मेडल।
1,06,306 डिग्रियां इस बार दी गईं
- दीक्षा समारोह में इस बार 1,06,306 डिग्रियां दी गई हैं
- गल्र्स को 62,111 डिग्रियां प्रदान की गई हैं
- ब्वॉयज के खाते में इस बार 44,195 डिग्रियां आई हैं
- कैंपस के स्टूडेंट्स के खाते में आईं 7,049 डिग्रियां
- इसमें 3,418 डिग्रियां गल्र्स और 3,611 डिग्रियां ब्वॉयज को
- जिले के कालेजों के हिस्से में आईं 36,877 डिग्रियां