लखनऊ (ब्यूरो)। अमृता विश्वविद्यापीठम और दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से बुधवार को सस्टेनेबल इनोवेटर्स कार्यक्रम के तहत फैजाबाद रोड स्थित बेबीयन इन होटल में साइंस एग्जीबिशन का आयोजन हुआ। इस प्रोग्राम के तहत शहर भर से चुने गए अलग-अलग स्कूलों के स्टूडेंट्स के 30 मॉडल्स ने ज्यूरी को प्रभावित किया। प्रोग्राम में स्टूडेंट्स ने विंड एनर्जी, सोलर एनर्जी, वाटर प्यूरीफिकेशन, हाइड्रोजन ब्रिज जैसे इनोवेटिव आइडियाज को मॉडलों का रूप दिया और लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया।

पांच सेगमेंट में चुने गए विजेता

कार्यक्रम में ज्यूरी ने पांच सेगमेंट में विजेताओं को चुना। इसमें इनोवेटर्स में रिवर क्लीनिंग बोट एसआर ग्लोबल स्कूल, चैलेंज सेगमेंट में फायर सेफ्टी रोबोट पायनियर मॉन्टेसरी स्कूल, विजनरी में वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट बाल निकुंज इंटर कॉलेज, यूनीक आइडिया में वेस्ट मैनेजमेंट वरदान इंटरनेशनल और बेस्ट टीम एंजेल कार्मल को इलेक्ट्रिसिटी फ्रॉम रेनवॉटर को चुना गया। टॉप थ्री में चुने गए स्टूडेंट्स को 25 हजार रुपये का नकद इनाम, दूसरे स्थान पाने वाले स्टूडेंट्स को 10 हजार और तीसरा स्थान पाने वाले को 5000 रुपये से नवाजा गया।

रिवर क्लीनिंग बोट को मिला पहला स्थान

एसआर ग्लोबल स्कूल के 11वीं क्लास के अमर सिंह, वैभव सिंह, करन गुप्ता और अंशित रावत की टीम के रिवर क्लीनिंग बोट को ज्यूरी ने काफी पसंद किया। इस मॉडल में स्टूडेंट्स ने गोमती नदी के पल्यूशन को देखते हुए क्लीनिंग मशीन बनाई। यह मशीन आरसी कंट्रोलर पर बेस्ड है। यह फोन से कनेक्ट कर, ऑन करके स्टोरेज में सारा वेस्ट स्टोर कर लेती है। स्टूडेंट्स ने बताया कि इस मशीन से किसी भी नदी की सफाई आसानी से की जा सकती है।

अग्निवीर फायर सेफ्टी रोबोट

पायनियर मॉन्टेसरी स्कूल के क्लास 12वीं के अमन कुमार और राशु सैनी ने अग्निवीर रोबोट बनाया। इस मॉडल को दूसरा स्थान मिला। अमन ने बताया कि इस मॉडल के जरिए ऐसी जगह पर आग को डिटेक्ट कर यह रोबोट वहां पहुंच जाएगा जहां लोग नहीं पहुंच पाते। इस मॉडल का आइडिया कोचिंग सेंटर में बीते दिनों लगी आग की घटना से आया।

बोले स्टूडेंट्स

मैंने वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट मॉडल बनाया है। इस मॉडल के जरिए फैक्ट्री से निकलने वाले गंदे पानी को नदी में जाने से पहले ही ट्रीट करने के तरीके बताए हैं। ज्यूरी ने मेरे मॉडल को बहुत सराहा।

निशा कश्यप, 11वीं क्लास, बाल निकुंज इंटर कॉलेज

मैंने और शुभम ने हाइड्रोलिक ब्रिज बनाया है। इसमें हमने पानी से चलने वाला ब्रिज बनाया है, जो रोड, ट्रेन और प्लेन तीनों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे अलग-अलग पुल बनाने का काम नहीं करना पड़ेगा।

वंश, 12वीं क्लास, जीसीआरजी इंटरनेशनल स्कूल

बॉर्डर एरिया और रिमोट एरिया में पावर कट होने के कारण वहां पर इंजेक्शन और दूसरी चीजों को सुरक्षित स्टोर करने के लिए हमारी टीम ने सोलर पावर पोर्टेबल रेफ्रिजिरेटर बनाया है। इसे हाउसहोल्ड के साथ मेडिकल संस्थानों में पावर कट के दौरान इस्तेमाल किया जा सकता है।

अदम दीक्षित, 11वीं क्लास, लखनऊ इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल

जमीन के सफर में हमने इको सिस्टम और एयर पल्यूशन के सभी स्टेजेस जैसे पहले एंवायरमेंट कैसा था, फिर कहां से दिक्कत आनी शुरू हुई, के साथ-साथ पराली का यूज व समस्या के समाधान पर बात की है। हमने अपने मॉडल के जरिए लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया है।

अनन्या सिंह, 10वीं क्लास, पायनियर मॉन्टेसरी स्कूल

'वाटर ऑफ अवर प्लानेट्स लाइफ' मॉडल के जरिए हमने पानी के पल्यूशन को दिखाने की कोशिश की है। साथ ही इसे प्यूरीफाई करने के तरीके भी बताए हैं।

आस्था गौड़, 10वीं क्लास, पायनियर मॉन्टेसरी स्कूल

देख पाने लोगों को चलने-फिरने के दौरान कई तरह की समस्याएं होती हैं, ऐसे में इन लोगों के लिए हमने बायोलॉजिकल ग्लासेज बनाए हैं, जो अवरोध को डिटेक्ट करके उनको चलने-फिरने में सहायता करेंगे। इससे एक्सीडेंट कम होंगे।

इतिका, 11वीं क्लास, एसआर ग्लोबल स्कूल

सोलर कुकर मॉडल के जरिए हमने सोलर की एनर्जी को खाना कुक करने में लगाया है। इस मॉडल से हमने यह बताने की कोशिश की है कि बिना कुकिंग गैस, केरोसीन या इलेक्ट्रिसिटी व कोयले के सोलर एनर्जीर् की मदद से सोलर कुकर बना कर खाना तैयार किया जा सकता है।

सुधांशु बरनवाल, 9वीं क्लास, वरदान इंटरनेशनल स्कूल

हमने मैग्नेटिक कार का मॉडल दिया है। बिना फ्यूल वाली मैग्निेटिक कार भविष्य में इस्तेमाल की जा सकती है। इसे मैग्नेट की मदद से चलाया जा सकता है। ज्यूरी ने इस मॉडल को सराहा, मुझे अच्छा लगा।

वंश कुमार सिंह, 10वीं क्लास, वरदान इंटरनेशनल अकेडमी

स्ट्रिप और टैरेस फार्मिंग के जरिए फार्मर अलग-अलग फसलों को एक साथ उगा कर कम जगह पर भी खेती कर सकते हैं। इसके साथ ही वह अधिक उपज भी पैदा कर सकते हैं।

कुमकुम बरनवाल, 10वीं क्लास, एंजल कार्मल स्कूल

हमने विंड व सोलर एनर्जी के इस्तेमाल से एक स्मार्ट सिटी का मॉडल बनाया है। इसमें सोलर एनर्जी को स्टोर कर इलेक्ट्रिसिटी चलाई जा सकती है। जब सूरज न निकले तो विंड एनर्जी को उपयोग किया जा सकता है।

हिमांशु रावत, 11वीं क्लास, एंजल कार्मल स्कूल

बोले टीचर्स

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट का यह प्रयास बहुत अच्छा है। इसके जरिए स्टूडेंट्स को अपना हुनर दिखाने का एक मौका मिला है। प्रोग्राम में स्टूडेंट्स को रोबोटिक व एआई के बारे में जो जानकारी दी गई, वह भी लाभदायक है।

रमेश कुमार सिंह, लखनऊ इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल

यह बहुत अच्छा मंच है। स्टूडेंट्स ने आउट ऑफ बॉक्स सोचकर अपना मॉडल बनाया। यही नहीं, एक-दूसरे के साथ उन्होंने बातचीत की है, जिससे और आइडिया भी उन्हें मिले हैं।

शुभ रंजन, वरदान इंटरनेशनल अकेडमी

मुझे लगता है कि साइंस में बच्चे ऑब्जर्व करके सीखते हैं। ऐसे में इस तरह के प्लेटफॉर्म उनको सच में इनोवेटर्स बनने का एक मौका देते हैं। आईनेक्स्ट का यह मंच बहुत लाभदायक है।

चरणजीत सिंह बेदी, एसआर ग्लोबल स्कूल

इस तरह के साइंस एग्जीबिशन बच्चों को प्रोत्साहित करते हैं। मैं और मेरा स्कूल इस प्रोग्राम में शामिल हुए, मुझे बहुत अच्छा लगा। ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों को नई सोच मिलती है।

ऋषि कांत भारद्वाज, बाल निकुंज स्कूल

सस्टेनेबल इनोवेटर्स बच्चों के लिए बहुत अच्छा प्लेटफॉर्म है। उन्हें आगे तक जाने का हौसला मिलता है। यह आईनेक्स्ट का बहुत अच्छा प्रयास है।

कुसुम लता सक्सेना, पायनियर मॉन्टेसरी स्कूल

बच्चे एक-दूसरे से ही सीखते हैं। यह भी सीखने का एक मंच है। इस मंच पर आकर उन्होंने अपनी क्षमताएं तो दिखाई ही हैं साथ ही दूसरे बच्चों से भी काफी कुछ सीखा।

संदीप शर्मा, एंजल कार्मल स्कूल

ज्यूरी ने की सराहना

कार्यक्रम में बतौर ज्यूरी शामिल हुए सीएसआईआर सीडीआरआई के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ। संजीव यादव ने स्टूडेंट्स के मॉडल की खूब सराहना की। उन्होंने कहा कि छात्रों ने बहुत ही अच्छे मॉडल पेश किए। उनके मॉडलों को देखकर और उन्हें जज करके अच्छा महसूस हुआ। बच्चों को नॉलेज है, उनके पास आइडिया भी हैं। इस तरह के कार्यक्रम उनकी क्षमताओं को परखने का मौका देते हैं। साथ ही डॉ। संजीव यादव ने सस्टेनेबल सोल्यूशंस के बारे में प्रतियोगियों के बताते हुए उन्हें सीएसआईआर जिज्ञासा एपिक हैकाथान में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जिसके माध्यम से चयनित छात्र अपने नए आइडियाज अपने नए सोल्यूशंस को सीएसआईआर वैज्ञानिकों के सहयोग से न सिर्फ पूरा कर सकेंगे बल्कि उसे बाजार में ला सकेंगे।

एआई और रोबोटिक्स की मिली जानकारी

सस्टेनेबल इनोवेटर्स कार्यक्रम में अमृता विश्वविद्यापीठम से करियर काउंसलर शुभम तोमर भी शामिल हुए। उन्होंने स्टूडेंट्स को सस्टेनेबल इनोवेटर्स के कॉन्सेप्ट से रूबरू कराते हुए अमृता विश्वविद्यापीठम के बारे में जानकारी दी। साथ ही उन्होंने स्टूडेंट्स को बदलते दौर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स से जुड़ी जानकारियां दीं। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद सभी स्टूडेंट्स के प्रोजेक्ट्स को सराहा।

ये स्कूल हुए शामिल

बाल निकुंल इंटर कॉलेज

लखनऊ इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल

जीसीआरजी इंटरनेशनल स्कूल

पायनियर मॉन्टेसरी स्कूल, एल्डिको ब्रांच

एसआर ग्लोबल स्कूल

वरदान इंटरनेशनल स्कूल

एंजेल कार्मल इंटर कॉलेज

ये मॉडल्स किए गए पेश

इनोवेटिव एग्रीकल्चरल फार्मिंग मॉडल

बायोलॉजिकल ग्लासेज

वाटर ऑफ अवर प्लानेट्स लाइफ

जमीन का सफर

सोलर रेफ्रिजिरेटर

रिवर क्लीनिंग बोट

रेन्यूबेल एनर्जी वर्किंग मॉडल सोलर विंड एनर्जी

वर्किंग मॉडल ऑफ नैचुरल फार्मिंग

इलेक्ट्रिसिटी फ्रॉम रेनवाटर

मैग्नेटिक कार

सोलर कुकर

स्मार्ट फार्मिंग रोबोट

प्रोजेक्ट ऑन वेस्ट मैनेजमेंट

विंड पावर एनर्जी

इलेक्ट्रिफिकेशन ऑफ स्मार्ट विलेज यूजिंग ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम