लखनऊ (ब्यूरो)। स्ट्रीट लाइट पोल से जुड़ी समस्याओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। पोल में उतरने वाले करंट की वजह से आए दिन हादसे हो रहे हैैं। खुले बिजली के तार भी खतरा बने हुए हैैं। निगम प्रशासन की ओर से पोल वायरिंग को कवर करने का काम शुरू कर दिया गया है, लेकिन अभी स्थिति बेहद गंभीर है। वैसे, स्ट्रीट लाइट पोल में करंट उतरने के खतरे को कम किया जा सकता है। इसके लिए जिम्मेदारों की कुछ अहम कदम उठाए जाने की जरूरत है। इसके साथ ही पब्लिक को भी अवेयर करना होगा।
ये कदम उठाने होंगे
1-जर्जर पोल हटाएं-अगर किसी एरिया में जर्जर पोल लगे हुए हैैं तो उन्हें तत्काल रिप्लेस करना होगा। जर्जर पोल में करंट उतरने का खतरा ज्यादा रहता है।
2-वायर कवरिंग-अगर किसी पोल से तार खुले लटक रहे हैैं तो उन्हें तत्काल कवर किए जाने की जरूरत है। वायर कवर होने से करंट का खतरा काफी कम हो जाएगा।
3-डिस्ट्रिब्यूटर बोर्ड-पोल में लगे डिस्ट्रिब्यूटर बोर्ड के कवर को मजबूत किए जाने की जरूरत है। दरअसल, बोर्ड के कवर को काटकर अस्थाई दुकानदार कटिया लगाकर बिजली कनेक्शन ले लेते हैैं। जिसकी वजह से पोल में करंट उतरने का खतरा रहता है। तीन दिन पहले इसी वजह से एक युवक की मौत भी हुई है।
4-स्विच लगवाएं-सभी स्ट्रीट लाइट पोल में स्विच लगाए जाने की जरूरत है। जिससे स्थानीय लोग स्विच के माध्यम से ही स्ट्रीट लाइट को ऑन और ऑफ करें। इस्माइलगंज समेत कई इलाकों में देखने में आता है कि लोग वहां वायरों के माध्यम से ही स्ट्रीट लाइट ऑन-ऑफ कर रहे हैैं।
5-कंट्रोल रूम-स्ट्रीट लाइट कंट्रोल रूम की कोई अलग से व्यवस्था नहीं है। सबसे पहले तो स्ट्रीट लाइट सुविधा को लेकर अलग से कंट्रोल रूम बनाया जाना चाहिए। जिससे पब्लिक की शिकायतों का तत्काल निस्तारण हो सके।
तार कवर करने का काम शुरू
निगम प्रशासन के मार्ग प्रकाश विंग की ओर से स्ट्रीट लाइट पोल के खुले वायरों को कवर करने का काम शुरू कर दिया गया है। हजरतगंज, निशातगंज, महानगर समेत कई प्वाइंट्स पर स्ट्रीट लाइट्स पोल से लटक रहे खुले वायर कवर किए गए हैैं। ये काम सभी आठ जोन में होना है। बारिश का मौसम होने की वजह से इस काम को जल्द से जल्द किए जाने की जरूरत है, जिससे हादसा न हो।
लेसा को भी सर्वे कराना होगा
नगर निगम के साथ-साथ लेसा को भी सभी पोल की स्थिति को सामने लाने के लिए सर्वे कराना होगा। पुराने लखनऊ समेत कई इलाकों में लेसा के लोहे के पोल लगे हुए हैैं। ऐसे में सर्वे से यह साफ हो जाएगा कि किस पोल की कंडीशन बेहतर नहीं है। उसके आधार पर तुरंत कदम उठाए जा सकेंगे। सबसे पहले तो पुराने लखनऊ की गलियों की तरफ ध्यान देने की जरूरत है।