लखनऊ (ब्यूरो)। Lucknow News: वाइन शॉप का लाइसेंस दिलाने के नाम पर जालसाज ने रिटायर्ड आईएएस अफसर से एक करोड़ रुपये की ठगी कर ली। खुद को रिटायर्ड पुलिस अफसर बताकर जालसाज ने रुपये लेने के बाद रिटायर्ड आईएएस अफसर को फेक लाइसेंस थमा दिया। उनकी शिकायत पर गोमतीनगर पुलिस ने बुधवार को मुकदमा दर्ज कर लिया। इंस्पेक्टर राजेश त्रिपाठी ने बताया कि आरोपी की तलाश की जा रही है।
खुद को पूर्व पुलिस अफसर बताया
गोमती नगर के विपुलखंड-2 निवासी हरि प्रसाद सिंह विशेष सचिव के पद से रिटायर्ड हैं। उन्होंने बताया कि दो मई 2024 को चिनहट के गणेशपुर रहमानपुर निवासी राकेश शर्मा से मुलाकात हुई। बातचीत के दौरान आरोपी ने बताया कि वह पूर्व पुलिस अधिकारी था। अब वीआरएस ले चुका है और उनको नौकरी के समय से जानता है। फिर दूसरे दिन फोन कर राकेश पत्नी शकुंतला संग उनके घर पहुंच गया। बातचीत में आरोपी ने कहा कि वर्तमान में शराब की दुकानों का संचालन करता है। इस समय उसके पास 84 वाइन शॉप हैं।
तीन दुकानों का लाइसेंस दिलाने का दिया झांसा
उसने रिटायर्ड आईएएस अफसर को झांसे में लेते हुए बताया कि आबकारी विभाग में उसकी गहरी पैठ है। यही नहीं अंग्रेजी शराब की दुकान पर सप्लाई के लिए एफएल-2 का भी लाइसेंस है। लाइसेंस पत्नी शकुंतला के नाम पर है। आरोपी राकेश ने हरि प्रसाद ङ्क्षसह को भी दुकान लेने के लिए प्रोत्साहित किया। कुछ दिन बाद राकेश पत्नी संग दोबारा आया। शराब की दुकान का विज्ञापन दिखाते हुए शाहनजफ रोड पर दो और वृंदावन योजना में एक दुकान दिलाने का झांसा दिया। लुभावनी बातों में फंसकर हरि प्रसाद ङ्क्षसह ने हामी भर दी।
चेक और कैश से लिए एक करोड़ रुपये
जालसाज बबली व बंटी ने चेक और कैश में करीब एक करोड़ रुपये मई से सितंबर के बीच लिए। दुकान आवंटित न होने पर हरि प्रसाद ङ्क्षसह ने दबाव बनाया तो आरोपी ने तीन दुकानों के लाइसेंस की कापी थमा दी। पीड़ित ने पड़ताल की तो पता चला कि लाइसेंस जाली है। रुपये वापस मांगने पर जालसाज ने पूर्व आईएएस के ही खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दी। पुलिस रिटायर्ड आईएएस अफसर की कंप्लेन पर केस दर्ज कर मामले की जांच पड़ताल कर रही है।