लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू में मरीजों की दलाली के खेल के खेल को लेकर संस्थान प्रशासन ने निगरानी बढ़ा दी है। खासतौर पर रेजिडेंट डॉक्टर्स पर निगरानी रखी जा रही है। खासतौर पर आईसीयू के मरीजों को लेकर विशेष एहतियात बरती जा रही है। ऐसे में कई संदिग्ध रेजिडेंट्स की संस्थान से छुट्टी भी हो सकती है, क्योंकि जांच के दौरान कईयों की भूमिका संदिग्ध मिली थी।
कई रेजिडेंट हटाये गये
केजीएमयू में करीब 4000 बेड हैं, जो अकसर फुल रहते हैं जबकि ओपीडी में 6-7 हजार मरीज डेली आ रहे हैं। वहीं, संस्थान में करीब 650 नियमित डॉक्टर और 1100 से ज्यादा सीनियर व जूनियर रेजिडेंट्स मौजूद हैं। बीते दिनों ईएनटी विभाग के रेजिडेंट डॉ। रमेश कुमार पर प्राइवेट प्रैक्टिस और इलाज में मरीज की मौत के आरोप सामने आने के बाद उसे निष्कासित कर दिया गया था। वहीं, पांच अन्य नॉन पीजी रेजिडेंट को बाद में हटाया गया। इससे पूरे केजीएमयू में खलबली मची हुई है। क्योंकि संस्थान प्रशासन ने मरीजों की स्थिति पर निगरानी कड़ी कर दी है।
सीसीटीवी से रख रहे नजर
केजीएमयू प्रशासन ने नर्सिंग होम से मिलीभगत कर मरीजों की दलाली का धंधा चलाने वाले डॉक्टरों की निगरानी शुरू कर दी है। इसमें कर्मचारियों की भी मिलीभगत हो सकती है। ऐसे में अधिकारी सीसीटीवी कैमरे से रेजिडेंट व कर्मचारियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। क्योंकि खासतौर पर रात में वार्ड और ट्रामा अधिकतर रेजिडेंट्स के सहारे ही चलता है। जिसका फायदा उठाकर मरीजों की दलाली का खेल चल रहा है। केजीएमयू प्रशासन के मुताबिक जो भी गलत गतिविधियों में लिप्त पाया जाएगा उसके खिलाफ नियमानुसार कड़ी कार्रवाइ की जाएगी। संस्थान के लिए मरीजों की सुरक्षा की प्राथमिकता सबसे पहले है।