लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ के पुराने इलाके चौक में रानी कटरा स्थित चार धाम मंदिर है, जिसे 135 वर्ष पहले बनाया गया था, लेकिन यहां आकर्षण का केंद्र रावण दरबार है। रावण की लोग सिर्फ बुराई देखते है, पर उसमें अच्छाईयां भी बहुत सी थीं। वह विद्वान पंडित, शक्तिशाली और महादेव का सच्चा भक्त था। यही वजह है कि साल में एक दिन दशहरा को लोग यहां रावण की पूजा करते हैं। पढ़ें मयंक श्रीवास्तव की स्पेशल रिपोर्ट
135 साल पुराना है यह मंदिर
चौक इलाके में स्थित रावण मंदिर के पुजारी सियाराम अवस्थी बताते हैं कि वह रावण दरबार को दशहरा पर होने वाली पूजा के लिए सजाने में जुटे हैं। चार धाम मंदिर में दशहरा के दिन रावण की पूजा कि जाती है। इसके पीछे का मकसद उसकी विद्वता से सबक लेने और बुराइयों से लोगों को दूर रखना है। वह कहते हैं कि रावण एक विद्वान पंडित था। महादेव का भक्त होने के साथ-साथ भगवान राम के लिए उसके दिल में बहुत सम्मान था। वह जानता था कि भगवान राम के हाथों ही उसका वध होगा, बावजूद इसके उसने माता सीता का हरण किया था।
मंदिर खुलता रोज है, पूजा एक दिन होती है
मंदिर के पुजारी सियाराम अवस्थी ने बताया कि 135 साल पहले इस चार धाम मंदिर को कुंदन लाल कुंज बिहारी लाल ने बनवाया था। सियाराम बताते हैं कि उनके मंदिर में रावण दरबार बना हुआ है, जो खुलता तो रोज है, लेकिन दशहरा में धूमधाम से रावण की पूजा की जाती है। दरबार में रावण सिंघासन पर बैठा है, उसके मंत्री, बेटे और भाई समेत अन्य दानव भी दरबार में बैठे नजर आते हैं।
बाहर से भी दर्शन करने आते हैं भक्त
इस मंदिर में दर्शन करने आए एक भक्त अजय शरण अवस्थी ने बताया कि नवरात्र में वह इस मंदिर में जरूर आते हैं। यहां आने पर उनमें अलग भाव उत्पन्न होते हैं। खासकर रावण मंदिर देखकर आश्चर्य होता है और यह भी पता चलता है कि लाख बुराइयों के बाद भी सिर्फ ज्ञानी होने के चलते किसी की पूजा हो सकती है।