लखनऊ (ब्यूरो)। उप्र संगीत नाटक अकादमी और उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग की ओर से मंगलवार को पद्मविभूषण गिरिजा देवी की स्मृति में अकादमी के संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह में पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां अंतरराष्ट्रीय बांसुरी वादक पद्मविभूषण पं। हरिप्रसाद चौरसिया मुख्य आकर्षण का केंद्र रहे। जहां उन्होंने अपनी बांसुरी वादन से हर किसी का मन मोहने का काम किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह मौजूद रहे।
बांसुरी वादन से किया मंत्रमुग्ध
कार्यक्रम के दौरान संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि संगीत के बिना जीवन अधूरा माना जाता है इसलिए प्रदेश का संस्कृति विभाग हर जिले में महोत्सव का आयोजन कर कलाकारों को भी प्रोत्साहित कर रहा है। कार्यक्रम के पं। हरप्रिसाद चौरसिया ने समारोह का आगाज राग मारू विहाग से किया। उनकी बंसी के स्वरों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद उन्होंने एक से बढ़कर एक रागों को बांसुरी के स्वरों में पिरोकर सभी को अपना मुरीद बनाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम होते रहने चाहिए।
होली खेलो मोसे नंद लाल
पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने अपनी गुरु पद्मविभूषण विदुषी गिरिजा देवी की की सिखायी ठुमरी राग खंबावती में निबद्ध होली खेलो मोसे नंद लाल सुनायी। इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए सइयां मिले लरकइयां से लेकर दिल मेरा मुफ्त का, बहिया छोड़ो न बलम सुनाकर प्रशंसा हासिल की। वरिष्ठ तबला वादक पंडित कुमार बोस ने तीन ताल मध्य लय में जिस तरह वादन की शुरुआत की वह श्रोताओं का बेहद पसंद आई। जिसका इस्तबाल उन्होंने तालियों के माध्यम से प्रकट भी किया। इस दौरान भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय की वीसी डॉ। माडवी सिंह, निदेशक डॉ। शोभित कुमार नाहर, सीएम योगी के सलाहकार अवनीश अवस्थी, समाज कल्याण के प्रमुख सचिव डॉ। हरिओम, प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम व गायिका पद्मागिडवानी सहित अन्य गणमान्य हस्तियां उपस्थित रहीं।