लखनऊ (ब्यूरो)। एक तरफ जहां कुछ पुलिसकर्मियों की वजह से खाकी वर्दी पर कई बार सवाल खड़े होते हैं, तो ऐसे उदाहरण भी आए दिन देखने को मिल जाते हैं जब पुलिसवालों ने अपनी ड्यूटी के साथ-साथ इंसानियत का फर्ज भी पूरा किया। बीते कुछ वक्त में लखनऊ में कुछ ऐसे वाक्ये हुए हैं, जिनमें महज एक कॉल पर पहुंचकर न केवल पुलिसकर्मी ने अपना खून देकर किसी इंसान की जान बचाई बल्कि जिनके अपनों ने उन्हें ठुकरा दिया उनकी अंतिम यात्रा का हिस्सा बनकर उनका अंतिम संस्कार तक करवाया।

सीपीआर देकर बचाई बाइक सवार की जान

हजरतगंज की उत्तरी चौकी में तैनात सिपाही सूरज 21 अक्टूबर को ड्यूटी पर थे। दोपहर के समय मल्टीलेवल पार्किंग के पास बाइक सवार अजय कुमार को कार्डियक अरेस्ट पड़ा और वह वहीं गिर पड़े। यह देख सिपाही सूरज ने तत्काल कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) दिया और उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती कराया, जिसके बाद अजय की हालत में सुधार हो गया।

छुट्टïी पर घर जाते वक्त बचाई जान

राज्य आपदा मोचन बल में तैनात जवान अंकित दुबे को लंबी ड्यूटी के बाद छुट्टïी मिली थी। वह अपने घर जाने के लिए ट्रेन पकड़ने चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंचा था। स्टेशन पर उसने देखा कि एक व्यक्ति मूर्छित अवस्था में पड़ा है। अंकित बिना देर किए अपनी ट्रेन पकड़ने की जगह उस व्यक्ति के पास पहुंचा और उसे सीपीआर देकर उसकी जान बचाई। जिसके बाद लोगों की मदद से उसे हॉस्पिटल पहुंचा।

एक कॉल पर पहुंचकर दिया ब्लड

एक व्यक्ति ने यूपी डायल 112 पर कॉल कर सूचना दी कि उसके पिता कैंसर से पीड़ित हैं और विभूतिखंड स्थित एक हॉस्पिटल में उनका कैंसर का इलाज चल रहा है। उन्हें ब्लड की बहुत जरूरत है। इस सूचना पर वीआरवी 4919 पर तैनात सिपाही सुमित राना ने तत्काल हॉस्पिटल पहुंचकर जरूरतमंद व्यक्ति के पिता को अपना ब्लड दिया, जिससे उनका इलाज हो सका।

वीआईपी ड्यूटी छोड़ बचाई जान

उतरेठिया चौराहे के पास सीएम का काफिला निकल रहा था। जिसके चलते सुरक्षा के दृष्टि से डायवर्जन किया गया था। तभी एख कार सवार ने बाइक को टक्कर मार दी। जिससे बाइक सवार कानपुर निवासी निखिल कुमार बेसुध होकर गिर पड़ा। निखिल के साथ दो महिलाएं भी थीं। यह देख ड्यूटी पर तैनात टीएसआई विजय कुमार ने होमगार्ड की मदद से उठाकर पहले उसे रोड के किनारे लेकर आए और फिर सीपीआर दिया, जिसके बाद निखिल को होश आ गया।

शव को कंधा दिया, अंतिम संस्कार कराया

डायल 112 में एक महिला ने कॉल कर सूचना दी कि उसके पिता की बीमारी के चलते मौत हो गई। दाह संस्कार के लिए न तो पैसा है और न ही घर में कोई पुरुष कंधा देने के लिए मौजूद है। इस सूचना पर का संज्ञान लेकर थाना पारा पुलिस टीम और पीआरवी के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। कंधा देकर शव का रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कराया। वहीं, मीराबाई मार्ग पर स्थित नेशनल कॉलेज केपास रहने वाले फुटपाथ पर दुकान चलाने वाले बबलू तिवारी (48) की मौत पर भी इंस्पेक्टर हजरतगंज विक्रम सिंह ने पहुंचे शव को कंधा दिया और अंतिम संस्कार कराया था।