लखनऊ (ब्यूरो)। आपके घर में रखे पुराने मोबाइल सेट को अगर आप बेचने का प्लान कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए। साइबर क्रिमिनल्स की नजर आपके मोबाइल फोन पर है। पुराने मोबाइल से धोखाधड़ी के कई मामले सामने आ चुके हैं। लखनऊ में भी पुराने मोबाइल के बदले कटोरा व बर्तन देने वाले लोग एक्टिव हैं, जो शहर की अलग-अलग कॉलोनी व मोहल्ले में जाकर बकायदा माइक से अनाउंसमेंट करके पुराने मोबाइल ले रहे हैं और उनके बदले नए बर्तन दे रहे हैं।
गैैंग के लिए कैरियर के रूप में कर रहे काम
लखनऊ के गली-मोहल्लों में आवाज लगाने वाले साइबर क्रिमिनल्स गैैंग के लिए कैरियर के रूप में काम कर रहे हैं। वे पुराने मोबाइल फोन के बदले कटोरा दे रहे हैं। वे आवाज लगाते हुए पुराने छोटे मोबाइल फोन पर छोटा कटोरा, पुराने बड़े मोबाइल फोन पर बड़ा कटोरा देने की बात कहते हैं। थोड़े से लालच में आकर कटोरे के बदले लोग अपने पुराने फोन एक्सचेंज लेते हैं, जबकि यह उनकी सबसे बड़ी भूल होती है।
फेरीवाले बनकर घूम रहे शहर की गलियों में
अपने पुराने इलेक्ट्रॉनिक कचरे से छुटकारा पाकर खुश होने वाले लोगों को अहसास नहीं होता कि वे अनजाने में ही साइबर अपराधियों के फंदे में फंस गए हैं। पुराने फोन खरीदने वाले फेरीवाले साइबर अपराधियों के किसी गिरोह से जुड़े होते हैं और खरीदे गए और खरीदे गए सारे उपकरण उन्हें बेच देते हैं। साइबर अपराधी इनमें मौजूद डेटा को रिकवर कर लेते हैं और फिर उनका इस्तेमाल साइबर अपराध के लिए करते हैं।
आपके मोबाइल से हो रही ऑनलाइन ठगी
लखनऊ के साइबर क्राइम सेल के साइबर एक्सपर्ट शिशिर यादव बताते हैं कि साइबर क्रिमिनल्स ऐसे कैरियर से फोन खरीद लेते हैं। फिर पुराने और खराब मोबाइल फोन की खराबी को सही करके उसे एक्टिवेट कर देते हैं। मोबाइल एक्टिवेट होने के बाद उसे अगले साथियों के पास भेज दिया जाता हैं, जहां उस मोबाइल को ऑनलाइन ठगी में इस्तेमाल किया जाता है। बाद में छानबीन करने पर उस व्यक्ति का नाम सामने आता है, जो पहले उस मोबाइल फोन को यूज करता रहा था।
ये सावधानियां बरतें
- अपने पुराने व खराब मोबाइल फोन किसी अंजान शख्स को ने दें या बेचें।
- सिम निकालने के बाद भी मोबाइल से डेटा रिकवर किया जा सकता है।
- मोबाइल खराब होने पर किसी अस्थाई सर्विस सेंटर में फोन बनने को न दें।
- छोटे मोबाइल को भी कूड़े में न फेंके, उससे भी डेटा चोरी हो सकता है।