लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू में जल्द ही पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक इमरजेंसी की शुुरुआत होगी। जिसके तहत एक्सपर्ट डॉक्टर्स और ट्रेंड स्टाफ तैनात किया जाएगा ताकि बच्चों को एक्सपर्ट ट्रीटमेंट मिल सके। इसके लिए ट्रामा के सामने एक नई बिल्डिंग में पूरा विंग इसके लिए बनाया जाएगा।

बेड और अलग होगी ओटी

केजीएमयू ट्रामा में रोजाना 25-30 ट्रामा केस ऐसे आते हैं, जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम होती है। अभी यहां पर 12 बेड का पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक विभाग है, जो हमेशा फुल रहता है। जिसकी कारण अकसर मरीजों को दूसरे संस्थान रेफर करना पड़ता है। साथ ही बच्चों के लिए कोई अलग से टीम न होने की वजह से कई बार समस्या भी आती है। इसी को देखते हुए इसके विस्तार और अलग से विंग बनाने का काम किया जाएगा। जिसके तहत विभाग में बेडों की संख्या को बढ़ाकर 20 बेड किया जाएगा। इसके अलावा दो ऑपरेशन थियेटर भी होंगे। जिसमें एक माइनर व दूसरी मेजर ओटी होगी। जिसमें बड़ी और जटिल सर्जरी की जा सकेगी।

अलग से बनेगा विंग

वीसी प्रो। सोनिया नित्यानंद ने बताया कि हमने एक अलग पीडियाट्रिक ट्रामा विंग बनाने का प्रपोजल बनाया है। जहां घायल बच्चों को एक ही छत के नीचे पूरा इलाज मिलेगा। इसके लिए ट्रामा के सामने ही एक और बिल्डिंग प्रपोज की गई है। उसी में एक फ्लोर पीडियाट्रिकट ट्रामा का होगा। विदेशों में भी पीडियाट्रिक ट्रामा को मेन ट्रामा से अलग रखा जाता है। उसी के तहत यहां भी यह काम किया जाएगा। इसके अलावा पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक विभाग में 20 बेड हैं, जिन्हें बढ़ाकर 40 किया जाएगा। ऐसे में पूरे विभाग में कुल बेडों की संख्या बढ़कर 60 हो जाएगी। जिसका फायदा पीडियाट्रिक पेशेंट को मिलेगा। विभाग में और अधिक मरीजों को इलाज मिल सकेगा।