लखनऊ (ब्यूरो)। कार्यक्रम में केजीएमयू के बालरोग विशेषज्ञ डॉ। निशांत वर्मा ने कहा कि बचपन में होने वाले कैंसर का इलाज संभव है और इस दौरान कैंसर से ठीक हुए लोगों की देखरेख की जरूरत है। कैंसर का समय से पता चल जाए तो उसे ठीक किया जा सकता है। बड़ों के मुकाबले यह बच्चों में जल्द ठीक होता है। बच्चों में कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी अधिक अच्छा रिस्पांस देते हैं। वहीं, डॉ। स्वस्ति ने उत्तरजीविता में फालोअप के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि ट्रीटमेंट के बाद समय-समय पर फालोअप से काफी फायदा मिलता है। बीएचयू की डॉ। विनीता गुप्ता ने कैंसर के अस्तित्व और उसके जीवित रहने से संबंधित कलंक को तोडऩे पर जोर दिया।
केजीएमयू में दो क्लीनिक शुरू
कैनकिड्स की अध्यक्ष पूनम बगई ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के साथ वर्ष 2023 में हुए समझौते के तहत प्रदेश सरकार व कैनकिड्स बचपन के कैंसर का इलाज करने वाले अस्पतालों, डॉक्टरों और सभी हितधारकों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके तहत 100 फीसद देखभाल तक पहुंच, 100 फीसद यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज वित्तीय सुरक्षा और 60 फीसद जीवित रहने की दर विश्व स्वास्थ्य संगठन के ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर चाइल्ड हुड कैंसर लक्ष्यों के अनुरूप काम है। राज्य समन्वयक डॉ। योगिता भाटिया ने बताया कि केजीएमयू के दो विभागों में पी2एल क्लीनिक शुरू हुए हैं। एक पहले से ही हर गुरुवार को चल रही है। दूसरी हर माह में एक दिन चलाई जाएगी। इसके विस्तार की उम्मीद है।