लखनऊ (ब्यूरो)। बिजली खपत के आधार पर लोड कैल्कुलेशन के मामले में उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है। दरअसल, अभी तक तीन महीने की खपत के आधार पर उपभोक्ता का मीटर लोड घटाया या बढ़ाया जाता था। अब इस व्यवस्था को बदला जा रहा है। अब एक साल की खपत के आधार पर लोड वृद्धि का निर्णय लिया जाएगा।
परेशान होते हैैं उपभोक्ता
कई बार उपभोक्ताओं की ओर से शिकायत दर्ज कराई जाती है कि उनके घर का बिजली लोड अचानक एक से दो किलोवॉट बढ़ा दिया गया है और विभाग की ओर से इसकी कोई जानकारी भी नहीं दी गई। जिसका असर बिल पर भी देखने को मिलता था। उपभोक्ताओं की जेब ढीली होती थी और उन्हें सबस्टेशन के चक्कर लगाने पड़ते थे और सुनवाई भी नहीं होती थी।
तीन महीने की थी व्यवस्था
पहले यह देखा जाता था कि उपभोक्ता के घर में पिछले तीन माह में कितनी बिजली की खपत हुई है। इस आधार पर लोड वृद्धि का निर्णय लिया जाता था। दरअसल, कई उपभोक्ता ऐसे हैैं, जिनके यहां हो सकता है कि किसी कारणवश तीन महीने में लोड बढ़ गया हो, लेकिन अगले तीन महीने में लोड कम हो गया हो। इसके बाद भी पिछले तीन महीने के कैल्कुलेशन के आधार पर उसका लोड बढ़ा दिया जाता है।
अब ये कदम
नियामक आयोग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि लोड वृद्धि के लिए उपभोक्ता का कम से कम एक साल तक बिजली खपत का रिकॉर्ड देखना होगा। अगर उपभोक्ता द्वारा लिए गए लोड के आधार पर ही बिजली खपत हो रही है तो लोड बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वहीं अगर यह साबित होता है कि जो लोड लिया गया है, उससे अधिक बिजली खपत की जा रही है तो उपभोक्ता का लोड बढ़ा दिया जाएगा।
इस तरह से समझेंं
अगर किसी उपभोक्ता का लोड एक किलोवॉट है। किसी भी तीन महीने में अगर उसका लोड 1.4, 1.5 या 1.6 हो जाता है तो उसका लोड बढ़ा दिया जाता है। अब ऐसा नहीं होगा। जिन तीन महीने में उपभोक्ता का लोड बढ़ा है। अब अगले साल उसी महीने में उपभोक्ता का लोड दो किलोवॉट किया जाएगा। अगर इससे पहले उपभोक्ता साबित कर देता है कि किसी आयोजन या अन्य कारण से तीन महीने लोड बढ़ा है तो जांच के बाद ही लोड वृद्धि संबंधी निर्णय लिया जाएगा।
ये होगा फायदा
1- बेवजह लोड वृद्धि नहीं होगी
2- उपभोक्ताओं का बिल नहीं बढ़ेगा
3- जरूरत पड़ने पर ही लोड बढ़ाया जाएगा
4- छोटे-मध्यम उपभोक्ताओं को बड़ी राहत
संबंधित सबस्टेशन में करें शिकायत
आपको लगता है कि आपकी जानकारी के बिना बिजली लोड बढ़ा दिया गया है तो 1912 पर शिकायत करने के साथ अपने संबंधित सबस्टेशन में जानकारी दे सकते हैं। आपके प्रार्थना पत्र के आधार पर लोड की जांच कर निर्णय लिया जाएगा।
उपभोक्ताओं के हित में यह फैसला लिया गया है। उपभोक्ता परिषद की ओर से इस मुद्दे को लेकर मांग उठाई जा रही थी। अब उपभोक्ता परेशान नहीं होंगे।
अवधेश कुमार वर्मा, अध्यक्ष, उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद
जो व्यवस्था हुई है, उसके अंतर्गत बिलिंग सिस्टम द्वारा इसे ऑटोमेटिकली किया जाएगा। ऐसी व्यवस्था की जा रही है।
भवानी सिंह खंगारौत, एमडी, मध्यांचल डिस्कॉम