लखनऊ (ब्यूरो)। संजय गांधी पीजीआई ओपीडी में आने वाले मरीजों और तीमारदारों को यहां जल्द ही बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। जहां रजिस्ट्रेशन करवाने से लेकर डॉक्टर को दिखाने और जांच आदि तक में हेल्पर द्वारा मदद की जायेगी। इसको लेकर संस्थान प्रशासन नई रूपरेखा तैयार कर रहा है। निदेशक प्रो। आरके धीमन के मुताबिक, जिस तरह कोई व्यक्ति वीजा लेने जाता है और वहां उसको जो सुविधा मिलती है, उसी तरह की सुविधा यहां भी लागू करने की तैयारी चल रही है।
बड़ी संख्या में आते हैं मरीज
पीजीआई में रोजाना 4 हजार से अधिक मरीज ओपीडी में इलाज के लिए आते हैं। यहां प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों और नेपाल आदि देशों तक से मरीज आते हैं। मरीजों की भीड़ के चलते रजिस्ट्रेशन करवाने से लेकर डॉक्टर को दिखाने और जांच कराने तक में लोगों के पसीने छूट जाते है। जिसकी वजह से कई बार मरीजों को बिना दिखाए ही लौटता है। इस समस्या को देखते हुए ओपीडी सेवा में बड़े बदलाव करने की तैयारी चल रही है ताकि मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
ओपीडी सेवा में कर रहे बड़े बदलाव
निदेशक प्रो। आरके धीमन ने बताया कि जिस तरह कोई वीजा लेने जाता है तो उसको वहां पर गाइडेंस मिलती है। उसी तरह की सुविधा यहां ओपीडी में लागू करने की दिशा में काम चल रहा है। जिसके तहत लोग अपने मोबाइल व लैपटॉप से कहीं से भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे। इसके बाद जब मरीज ओपीडी में आएगा तो उसकी मदद के लिए एक पर्सन को डिप्यूट किया जाएगा, जो उसे ओपीडी में आने के दौरान रिसीव करेगा। इसके बाद उक्त मरीज का रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरा करवाएगा। जिसके बाद मरीज को संबंधित डॉक्टर या जूनियर डॉक्टर के पास दिखाने के लिए ले जाएगा। इसके अलावा वो जांच समेत अन्य मदों में भी उक्त मरीज की पूरी मदद करेगा। इसके लिए अलग से लोगों को हायर किया जाएगा, जिनको पूरी ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि मरीजों को सही तरीके से सेवा उपलब्ध करा सकें।
तैयार कर रहे रूपरेखा
निदेशक डॉ। धीमन ने बताया कि संस्थान प्रशासन लगातार मरीजों को सुविधाओं देने की दिशा में काम कर रहा है ताकि मरीज आसानी से डॉक्टर को दिखा सके। चूंकि यहां कई प्रदेशों से मरीज आते हैं इसलिए यह एक बड़ी कार्ययोजना है। उसी को ध्यान में रखते हुए काम किया जा रहा है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इसे लागू किया जा सकेगा।
ओपीडी में आने वाले मरीज की हेल्प के लिए एक आदमी को डिप्यूट किया जाएगा। जो उनकी डॉक्टर को दिखाने से लेकर जांच तक में मदद करेगा। इसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है।
-प्रो। आरके धीमन, निदेशक, संजय गांधी पीजीआई