लखनऊ (ब्यूरो)। डग्गामार बसों को लेकर व्यापक स्तर पर चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत बड़ी संख्या में चालान और गाड़ी सीज भी की जा रही हैं। पर अब परिवहन आयुक्त के आदेश है कि अगर कोई गाड़ी बिना परमिट, इंश्योरेंस, फिटनेस आदि नहीं होगा तो ऐसे वाहन स्वामी बसों का संचालन नहीं कर पाएंगे। ऐसे वाहनों को अब कंडम घोषित किया जाएगा और उनको काटकर कबाड़ में बेचा जाएगा ताकि ऐसी गाड़ियों पर अंकुश लगाया जा सके।

कागज पूरे नहीं होंगे तो होगा एक्शन

परिवहन आयुक्त ने बताया कि चेकिंग अभियान के तहत गाड़ियों का चालान और उन्हें सीज किया जा रहा है। जिन गाड़ियों का फिटनेस, इंश्योरेंस व रजिस्ट्रेशन आदि नहीं होगा उनको सीज करने के बाद अधिकारियों द्वारा मुआयना किया जाएगा। साथ ही गाड़ी के मालिक को नोटिस दी जाएगी। अगर गाड़ी का मालिक इंस्पेक्शन पर आता है और परमिट आदि रिन्यू कराता है तभी उसकी गाड़ी छोड़ी जाएगी। अन्यथा नियमानुसार उसे कंडम घोषित कर काटने के लिए भेज दिया जाएगा। इसके अलावा, अगर गाड़ी बॉडी मानक के विपरीत मिली तो उसे एमवी एक्ट के तहत काटने का नियम है। ऐसे में नियम विरुद्ध चल रही गाड़ियां सड़क से हट जायेंगी।

केवल लीगल बसें ही चलें

परिवहन आयुक्त ने बताया कि विभाग का प्रयास है कि सड़कों पर केवल लीगल बसें ही चले। जिनके पास परमिट, रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस आदि सब हो ताकि सड़क हादसों पर लगाम लगाई जा सके। दरअसल, आल इंडिया या अन्य परमिट पर बसें फुटकर सावरियों को ढो रही है। इन बसों का तत्काल प्रभाव से परमिट कैंसिल करने के साथ बस काटने की कार्रवाई की जाएगी। नियमविरुद्ध चल रही बसों को नहीं छोड़ा जाएगा। सभी अधिकारियों को सड़क दुर्घटना रोकने और अवैध बसों के संचालन पर रोक के लिए एक माह लगातार सघन चेकिंग के लिए कहा गया है। इसके साथ ही स्कूली वाहनों की भी चेकिंग का आदेश दिया जा चुका है।

छोटी गाड़ियों पर भी फोकस

आरटीओ-प्रवर्तन संदीप पंकज ने बताया कि छोटी-छोटी गाड़ियां, जो प्राइवेट गाड़ियों के तौर पर रजिस्टर्ड होती हैं, लेकिन सवारियां ढोने का काम कर रही हैं। ऐसी गाड़ियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। खासतौर पर ऐसी गाड़ियां बार्डर एरिया में ज्यादा देखने को मिलती है। जिससे विभाग को राजस्व का भी नुकसान होता है। इसके अलावा, जो बसें अवैध तरह से संचालित हो रही है उनके खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। ऐसी बसों का चालान करने के साथ-साथ सीज करने की भी काम किया जा रहा है। टोल प्लाजा पर विशेष निगरानी की जा रही है। विभाग पूरी तरह ऐसी गाड़ियों को बाहर करने की दिशा में काम कर रहा है, जो नियम विरुद्ध चल रही है। ऐसी गाड़ियां ही हादसों का सबब बनती है। इसको लेकर बड़े स्तर पर सघन चेकिंग करने का काम किया जा रहा है।

सभी अधिकारियों को सघन चेकिंग का आदेश दिया गया है। रोड पर बिना परमिट और रजिस्ट्रेशन के गाड़ियों को दौड़ने नहीं दिया जाएगा। नियम विरुद्ध गाड़ी मिलने पर उनको कंडम घोषित कर काटने का काम किया जाएगा।

- चंद्र भूषण सिंह, परिवहन आयुक्त

क्या बोले लोग

डग्गामार वाहनों पर लगाम न लग पाना सरासर परिवहन विभाग की लापरवाही है। विभाग कुछ महीनों में एक-दो बार चेकिंग करके औपचारिकता पूरी कर लेता है। जब कोई हादसा होता है तो कुछ समय के लिए ही सख्ती होती है। फिर वही कागजी कार्यवाही चलती रहती है। कुछ विभाग में निश्चित सुविधा शुल्क दे देते हैं, जिसके कारण इन पर कार्यवाही नहीं होती है।

-प्रदीप पांडेय

चेकिंग अभियान केवल नाम के लिए होता है। इसका केवल कुछ समय ही असर देखने को मिलता है। विभाग को लगातार कार्रवाई करते रहना चाहिए। नियम विरुद्ध जो भी वाहन मिले उसे छोड़ना नहीं चाहिए। इसके साथ भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगनी चाहिए।

-हेमंत

जब कोई बड़ा हादसा होता है तभी विभाग जागता है। चेकिंग लगातार होनी चाहिए ताकि बिना रजिस्ट्रेशन और फिटनेस के दौड़ रहे वाहनों पर रोक लगाई जा सके। अधिकारियों को किसी भी नियम विरुद्ध चल रहे वाहन को छोड़ना नहीं चाहिए ताकि सड़क हादसों पर रोक लगाई जा सके।

-प्रियंका खरे