लखनऊ (ब्यूरो)। 9 जनवरी 2018 को मुख्तार को बांदा जेल में दिल का दौरा पड़ा था। मुख्तार की पत्नी अफशां उनसे मिलने बांदा जेल गई थीं। भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच मुख्तार और उनकी पत्नी को पहले स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें पीजीआई लाया गया। इस दौरान मुख्तार अंसारी के साथ उनके दोनों बेटे भी साथ थे। उस दौरान पीजीआई परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया था।
सीने में दर्द की बीमारी
पीजीआई में उनके इलाज के लिए पहले से सभी डॉक्टर अलर्ट थे। मुख्तार के साथ उनकी पत्नी को एमआईसीयू में रखा गया था। डॉ पीके गोयल कार्डियोलोजिस्ट की देख रेख में उनका इलाज किया गया। मुख्तार अंसारी को बेहतर इलाज के लिए हार्ड के वार्ड में शिफ्ट किया गया था। अस्पताल के डाक्टर केएल पांडे का कहना था कि सीने में दर्द की बीमारी है। मुख्तार शुगर और बीपी के भी मरीज थे।
जहर देने का आरोप
जांच में सामने आया था कि मुख्तार जेल में पत्नी के साथ चाय पी रहे थे। चाय पीने के कुछ ही देर बाद वे बेहोश होकर गिर पड़े। उनकी पत्नी भी बेसुध हो गईं। मुख्तार अंसारी के परिवारीजनों जेल प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाया था। उनका कहना है कि मुख्तार अंसारी को चाय के साथ कुछ दिया गया था। चाय पीने के बाद ही अंसारी की तबीयत बिगड़ गई।