लखनऊ (ब्यूरो)। मानसून सीजन में गर्मी व उमस के कारण स्किन से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं। दाद-खाज, खुजली, डर्मेटाइटिस, स्कैबीज आदि के मरीज इसमें बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। राजधानी के सरकारी अस्पतालों में आजकल आधे से ज्यादा मरीज दाद की समस्या लेकर आ रहे हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक, कई मरीज सेल्फ मेडिकेशन करते हैं, जिसके चलते समस्या और गंभीर हो जाती है। मरीजों को बिना डॉक्टर की सलाह के खुद से इलाज नहीं करना चाहिए।

आधे से ज्यादा मरीज दाद के

बलरामपुर अस्पताल के सीनियर स्किन स्पेशलिस्ट डॉ। मसूद उसमानी ने बताया कि बारिश के सीजन में गर्मी व उमस काफी रहती है, जिससे पसीना काफी निकलता है और स्किन की कई तरह की प्राब्लम देखने को मिलती हैं। मानसून सीजन में वैसे भी स्किन प्राब्लम की समस्या ज्यादा होती है। इस समय ओपीडी में 800-1000 मरीज विभिन्न स्किन प्राब्लम के साथ आ रहे हैं, जिसमें आधे से ज्यादा यानि 50 पर्सेंट मरीज केवल दाद की समस्या वाले होते हैं। यह एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन है, जिसमें स्किन पर गोल व सपाट लाल, पपड़ीदार पैच दिखाई देता है। इसमें खुजली और जलन होती है। यह एक संक्रामक बीमारी है, जो एक से दूसरे में आसानी से फैल सकती है। ओपीडी में 15-20 पर्सेंट ऐेसे मरीज आ रहे हैं जो सेल्फ मेडिकेशन के चलते मर्ज को और बढ़ा ले रहे हैं। मार्केट में ओवर द काउंटर मिलने वाली क्रीम में स्टेरायड होता है, जो दाद को तेजी से तो रोकता है, लेकिन उस जगह की स्किन को काला कर देता है। इसकी वजह से इलाज लंबा चलता है।

खुद से इलाज न करें

डॉ। उस्मानी ने आगे बताया कि इसके अलावा 10-10 पर्सेंट स्कैबीज और डर्मेटाइटिस के मरीज भी आ रहे हैं। वहीं, 5 पर्सेंट मुंहासों के मरीज आ रहे हैं। ऐसे में बचाव के लिए लोगों को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। संक्रमित लोगों को अपना तौलिया, रुमाल, कपड़ा आदि अलग रखना और धोना चाहिए। कपड़े तेज धूप में सुखाने चाहिए और गीले कपड़े पहनने से बचना चाहिए। अगर बारिश में भीग जाएं तो तुरंत खुद को साफ तौलिया से सुखा लेना चाहिए। कोई भी स्किन प्राब्लम होने पर स्किन स्पेशलिस्ट को दिखाने के बाद ही ट्रीटमेंट शुरू करना चाहिए।

लगातार बढ़ रही स्किन प्राब्लम

सिविल अस्पताल की स्किन ओपीडी में 300-400 मरीज और लोकबंधु अस्पताल की स्किन ओपीडी में 200-300 मरीज विभिन्न समस्याओं वाले रोज आ रहे हैं, जिसमें दाद और डर्मेटाइटिस के 40-50 फीसदी मरीज होते हैं। इनमें 10-15 पर्सेंट मरीजों में मर्ज बढ़ा हुआ मिला या दोबारा हो गया।

मानसून में स्किन प्राब्लम सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। इस समय 50 फीसदी मरीज दाद की समस्या वाले आ रहे हैं। साथ ही लोग स्कैबीज, डर्मेटाइटिस की समस्या लेकर भी आ रहे हैं। लोगों को खुद से अपना इलाज करने से बचना चाहिए।

-डॉ। मसूद उस्मानी, सीनियर स्किन स्पेशलिस्ट, बलरामपुर अस्पताल