लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में मेडिकल स्टोर संचालकों को ठगने वाला गैंग आ गया है। वाट्सएप पर दवा की लिस्ट भेजकर ठगी की जा रही है। मेडिकल स्टोर संचालक को दवा का नाम वाट्एसप पर भेजकर सिपाही को देने को कहा जाता है। ऑनलाइन पेमेंट के बहाने दवा लेकर दूसरी आदमी गायब हो जाता है। इस तरह के 50 से अधिक मामले आ चुके है। मेडिकल स्टोर संचालकों से पांच हजार तक की ठगी की जा रही है। इसकी शिकायत दवा एसोसिएशन ने एफएसडीए से भी की है।
कई तरह से हो रही ठगी
दवा विक्रेता वेलफेयर समिति के अध्यक्ष विनय शुक्ला ने बताया कि इस तरह की ठगी में दुकानदार के पास फोन आता है कि आपका लाइसेंस एक्सपायर हो गया है। आपको कोड भेजा गया है बता दीजिए तो रिन्यू कर दें नहीं तो रजिस्ट्रेशन कैंसिल होगा। वहीं, वाट्सएप पर पर फूड डिपार्टमेंट का लोगों और रिटेल स्टोर की पूरी जानकारी होती है। वहीं, फोन करके बताया जा रहा है कि आपके यहां से दवा का सैंपल लिया गया था वो फेल हो गया है। अब आप जेल जाएंगे। इसकी आड़ में पैसे मांगे जा रहे हैं।
वाट्सएप पर दवा मांग रहे
विनय शुक्ला ने बताया कि इन दिनों दवा कारोबारियों के पास फोन आ रहा है कि मैं थाने से बोल रहा हूं। वाट्सएप पर दवा की लिस्ट भेजी है। उसे लेने सिपाही आ रहा है। पैसे में दे दूंगा। डीपी पर पुलिसवाले का फोटो और नाम लिखा होता है। कुछ समय बाद एक आदमी आता है और कहता है कि पैसा साहब देंगे, दवा दे दो। तभी दुकानदारों के फोन आता है कि एक रुपये भेजकर चेक किया है, मिला की नहीं। बाकि भेज रहा हूं। इतने में ही दुकान पर आया व्यक्ति दवा लेकर चला जाता है। जब बाकी पैसा नहीं आता है तो दुकानदार जिस नंबर से फोन आता है, उस पर काल करते हैं तो वह बंद मिलता है।
इन एरिया में आए मामले
- आलमबाग
- आशियाना
- जानकीपुरम
इन दवाओं की आ रही लिस्ट
- महंगी एंटीबायोटिक्स
- पेन किलर
- बुखार, खांसी की दवा
- हेल्थ सप्लीमेंट
नोट- सभी पीडि़तों के पास लगभग एक जैसी दवाओं की लिस्ट ही आ रही है।
वाट्सएप पर दवा का पर्चा भेजा जाता है। ऑनलाइन पेमेंट के बोलकर बाद में नंबर बंद कर दिया जाता है। इस तरह की कई शिकायतें आ चुकी है। एफएसडीए से भी शिकायत की जा चुकी है।
- विनय शुक्ला, अध्यक्ष, दवा विक्रेता वेलफेयर समिति