लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। शहर का ओवरऑल एक्यूआई 250 के पार तक चल रहा है, जोकि खतरनाक की कैटेगरी में आता है। इसके कारण सांस लेने में समस्या हो सकती है, जिसका बुरा असर गर्भवती महिलाओं की सेहत पर पड़ सकता है। दरअसल, हवा प्रदूषित होने से मां में ऑक्सीजन की कमी होने पर गर्भस्थ शिशु की ग्रोथ पर असर पड़ सकता है। ऐसे में, गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखना चाहिए। अस्पतालों की ओपीडी में कई महिलाएं ऐसी समस्या लेकर पहुंच रही हैं। हालांकि, डॉक्टर्स का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि सावधानी व सतर्कता से बचाव संभव है।
खून में इंफेक्शन हो सकता है
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्तर पर चल रहा है। उसी तरह राजधानी की भी आबोहवा खराब है। लोग सांस की समस्या, सिर में भारीपन और आंखों में जलन की समस्या की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। वहीं, प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर गर्भवती महिलाओं पर देखने को मिलता है। केजीएमयू के क्वीन मेरी की हेड प्रो। अंजू अग्रवाल ने बताया कि वायु प्रदूषण अधिक होने से अगर मां को ऑक्सीजन कम मिल रही है तो इससे उसके लंग्स पर भी असर पड़ता है। जिसका सीधा गर्भस्थ शिशु पर पड़ता है। गर्भवती महिला जो ऑक्सीजन लेती है, वह मां के खून से प्लेसेंटा (नाल) में जाती है और प्लेसेंटा के माध्यम से गर्भस्थ शिशु के खून में जाती है। जिसके कारण गर्भस्थ के खून में ऑक्सीजन की कमी होने और कार्बन डाईऑक्साइड या अन्य हानिकारक गैस की मात्रा अधिक होने से खून में इंफेक्शन हो जाता है।
प्री-मैच्योर हो सकता है बच्चा
क्वीन मेरी की डॉ। रेखा सचान के मुताबिक, अगर बच्चे को ऑक्सीजन कम मिलता है तो इससे बच्चे की ग्रोथ कम हो सकती है। इसके अलावा बच्चा पेट में लैट्रिन कर सकता। उसे डिस्ट्रेस की समस्या भी हो सकती है। वहीं, समस्या गंभीर होने पर प्री-मैच्योर डिलीवरी तक हो सकती है। कई अन्य तरह की समस्याएं भी हो सकती हैं। हालांकि, घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि अभी स्थिति इतनी गंभीर नहीं है। पर सावधानी और सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है।
गर्भवती महिलाएं ऐसे करें बचाव
-घर से बाहर कम निकलें।
-प्रदूषण वाली जगहों पर न जाएं।
-मास्क लगाकर निकलें।
-हरियाली वाले इलाकों में ज्यादा जाएं।
-एलर्जी है तो फूल-पौधों वाली जगह जाने से बचें।
-समस्या होने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।
प्रदूषण की वजह से मां के लंग्स पर असर पड़ता है, जिससे गर्भस्थ शिशु पर असर पड़ता है। ऐसे में, गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखना चाहिए।
-डॉ। अंजू अग्रवाल, हेड, क्वीन मेरी
अगर गर्भवती को ऑक्सीजन सप्लाई कम हो तो गर्भस्थ की ग्रोथ पर असर पड़ने के अलावा प्री-मैच्योर डिलीवरी का खतरा भी रहता है। ऐसे में, प्रदूषित इलाकों में जाने से बचना चाहिए।
-डॉ। रेखा सचान, क्वीन मेरी