लखनऊ (ब्यूरो)। श्री रामलीला समिति ऐशबाग के प्रांगण में स्थित तुलसी मंच पर रामलीला का शुभारंभ देवताओं की स्तुति केसाथ हुआ। इसके बाद अंकिता बाजपेयी के निर्देशन में काशवी, आराध्य, अनम व आयत द्वारा देवी गीत एवं राम केथे राम के हैं पर नृत्य प्रस्तुत किया गया। इसके बाद निर्देशक शमशुर्र रहमान ने गणेश वंदना, शिव वंदना व हनुमान चालीसा नृत्य प्रस्तुत किये।

लक्ष्मण बनाते है कुटिया

रामलीला मंचन भास्कर बोस के निर्देशन में शुरू हुआ। जिसमें चित्रकूट में प्रवास करने के लिए लक्ष्मण द्वारा कुटिया का निर्माण एवं राम-सीता के उसमें प्रवेश की लीला दिखाई गई। वहीं, भरत अयोध्या से राज मुकुट लेकर रामजी को राजा बनाने के लिए पूरे मंत्रिमंडल के साथ चित्रकूट के लिए प्रस्थान करते हैं। रास्ते में उनका मिलन निषाद राज से होता है। फिर सभी लोग चित्रकूट के लिए प्रस्थान करते हैं।

श्रीराम से भरत का मिलन

अगले प्रसंग में चित्रकूट में भरत जब रामजी से मिलते हैं तो इस दृश्य को देखकर दर्शकों की आंखें नम हो गईं। इस लीला में भरत जी श्रीराम की चरणपादुका लेकर आयोध्या वापस आते हैं। लीला में नंदीग्राम में वनवासी की तरह श्रीराम का रहना आदि प्रसंग दिखाया गया। वहीं, महारानी कैकई का भरत से मिलकर क्षमा मांगना और विलाप से रामलीला का मंचन का समापन होता है।

भए प्रकट कृपाला के गूंजे स्वर

महानगर स्थित रामलीला मैदान में श्री रामलीला समिति महानगर द्वारा सात दिवसीय रामलीला का मंचन सोमवार को रामजन्म से हुआ। रामलीला की शुरुआत गणेश वंदना से हुई। उसके उपरांत प्रभु राम द्वारा ताड़का व सुबाहु का वध, अहिल्या उद्धार, गौरी पूजन, धनुष यज्ञ और परशुराम-लक्ष्मण संवाद, प्रभु राम को पहचान जाना प्रसंग का मंचन किया गया। रामलीला के निर्देशक महेंद्र पंत ने बताया कि रामलीला का शुभारंभ समिति के संरक्षक दिनेश मित्तल और महापौर सुषमा खर्कवाल द्वारा किया गया।