लखनऊ (ब्यूरो)। मेट्रो से सफर करने के बाद अब घर पहुंचना काफी आसान हो गया है। इसकी वजह यह है कि पैसेंजर्स की सुविधा के लिए मेट्रो की ओर से 'लास्ट माइल कनेक्टिविटी' कांसेप्ट लागू किया गया है। इसका मतलब होता है पैसेंजर का मेट्रो स्टेशन से घर तक पहुंचना। दरअसल, मेट्रो की ओर से अपने सभी स्टेशंस में सिटी व एसी बसों के रूट को डिस्प्ले करने का काम शुरू किया गया है। जिसका सीधा फायदा उन पैसेंजर्स को मिल रहा है, जो सिटी या एसी बसों के माध्यम से अपने घर तक पहुंचना चाहते हैं।

अभी तक नहीं थी व्यवस्था

मेट्रो की ओर से लंबे समय से लास्ट माइल कनेक्टिविटी को लेकर कदम उठाने की तैयारी की जा रही थी। यह प्रयास दिल्ली मेट्रो की तर्ज पर हो रहा था। अब मेट्रो की ओर से इस कांसेप्ट को पूरी तरह से लागू कर दिया गया है, जिसका फायदा मेट्रो से प्रतिदिन सफर करने वाले हजारों पैसेंजर्स को मिल भी रहा है। इसका सबसे ज्यादा फायदा उन लोगों को मिल रहा है, जो दूसरे शहर या राज्यों से राजधानी आते हैैं और मेट्रो में सफर कर अपनी मंजिल तक पहुंचना चाहते हैं।

सवारी वाहन ढूंढते हैैं

मेट्रो स्टेशन से बाहर निकलने के दौरान लोग अपने निर्धारित रूट पर जाने के लिए सवारी वाहन खोजते हैैं। ऐसे में अब जब मेट्रो स्टेशन के अंदर ही उन्हें बस के रूट व टाइमिंग की जानकारी मिल रही है तो साफ है कि उन्हें परेशान नहीं होना पड़ेगा। वे बस की निर्धारित टाइमिंग को देखते हुए उसके माध्यम से अपनी मंजिल तक आसानी से पहुंच सकेंगे। मेट्रो की ओर से अपने सभी स्टेशंस पर बसों के रूट और टाइमिंग डिस्प्ले किया जा रहा है ताकि किसी भी रूट पर सफर करने वाले पैसेंजर को एसी और सिटी बसों की जानकारी मिल सके।

इस तरह समझें

अगर किसी व्यक्ति को लखनऊ विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन से पीजीआई, चारबाग, कैंट, तेलीबाग, इंजीनियरिंग कॉलेज, एकेटीयू, आईटी इत्यादि जगहों पर जाना है तो उसके आधार पर बसों की टाइमिंग का डिस्प्ले हो रहा है। बस की टाइमिंग के हिसाब से पैसेंजर स्टेशन के बाहर से उसमें सफर कर सकता है। इसी तरह टीपीनगर मेट्रो स्टेशन, मुंशी पुलिया, आलमबाग व अन्य स्टेशन पर भी इसी तरह का कदम उठाया गया है। बसों की टाइमिंग का शेड्यूल सुबह से शाम तक का किया गया है।

टिकट काउंटर के पास डिस्प्ले

पैसेंजर्स की सुविधा के लिए मेट्रो स्टेशंस के टिकट काउंटर के पास डिस्प्ले बोर्ड लगाए गए हैैं। जिससे मेट्रो में एंट्री और एग्जिट करने वाले सभी पैसेंजर आसानी से बसों की लोकेशन के बारे में जानकारी हासिल कर सकें। अगर डिस्प्ले बोर्ड समझने में कोई समस्या सामने आती है तो मेट्रो कर्मियों की ओर से भी पैसेंजर को बसों के रूट संबंधी जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी। इस दिशा में मेट्रो की हेल्प डेस्क भी एक्टिव है। लखनऊ की तरह आगरा मेट्रो में भी यह कदम उठाया गया है।

अन्य सवारी वाहन भी जुड़ेंगे

अक्सर देखने में आता था कि मेट्रो स्टेशंस के बाहर निकलने के बाद पैसेंजर्स को अपने गंतव्य तक जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता था। मेट्रो की ओर से यह भी कवायद की जा रही है कि अन्य सवारी वाहनों को भी इस सुविधा से कनेक्ट किया जाए।