लखनऊ (ब्यूरो)। दिवाली बीतने के बाद एक बार फिर से मां गोमती का आंचल मैला होने लगा है। इसकी वजह यह है कि ज्यादातर लोग घरों से निकल रही पूजन सामग्री और देवी-देवताओं की मूर्तियों को सीधे गोमती नदी में डाल रहे हैैं, जबकि नगर निगम और कई संस्थाओं की ओर से गोमा को स्वच्छ रखने के लिए कवायद की जा रही है, जिसके तहत पूजन सामग्री और मूर्तियों को कलेक्ट कर विधिपूर्वक विसर्जित किया जा रहा है।

हर साल की यही समस्या

नगर निगम की ओर से टीमें गठित की गई हैैं, जो निशातगंज, गांधी सेतु और लोहे के ब्रिज पर लगातार एक्टिव हैैं और वेस्ट कलेक्ट कर रही हैैं। इसके बावजूद लोगों की ओर से जल्दबाजी में पूजन सामग्री को सीधे गोमा में डाला जा रहा है, जिसकी वजह से गोमा का आंचल मैला हो रहा है।

15 दिन का चल रहा अभियान

इस समय निगम की ओर से मूर्ति विसर्जन अभियान भी चलाया जा रहा है। इस अभियान के संयोजक पार्षद एवं कार्यकारिणी सदस्य रणजीत सिंह के नेतृत्व में शुरू हुआ यह अभियान पूरे शहर में चल रहा है। इस अभियान के अंतर्गत शहर में जगह-जगह डाली गई देवी देवताओं की मूर्तियों को उठाकर गोमती नदी के विभिन्न तटों झूलेलाल पार्क, कुड़ियाघाट, खाटू श्याम इत्यादि स्थानों पर नगर निगम द्वारा बनाए गए गड्ढों में विधिपूर्वक विसर्जन किया जा रहा है।

5 हजार मूर्तियों का विसर्जन किया

अभियान प्रभारी रणजीत सिंह ने बताया कि हनुमान सेतु के ऊपर से महानगर, विवेकानंदपुरी वार्ड से डालीगंज निरालानगर तथा मनकामेश्वर वार्ड से लगभग पांच हजा से अधिक देवी देवताओं की मूर्तियों को कलेक्ट कर विधि विधान से विसर्जन किया गया। इसी तरह जानकीपुरम, इंदिरानगर, अरविंदो पार्क, मुंशी पुलिया, निशातगंज पुल से भी 12 हजार से अधिक मूर्तियों को कलेक्ट कर विधि विधान से विसर्जित किया गया।

पब्लिक को जागरूक होना होगा

गोमा स्वच्छ रहे, इसके लिए पब्लिक को भी जागरूक होना होगा। निगम प्रशासन की ओर से गोमा पुल पर डस्टबिन भी लगवाए गए हैैं, जिससे लोग उसमें वेस्ट डालें न कि गोमा में। निगम प्रशासन का प्रयास यह भी है कि लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाए। इसके साथ ही यह भी बताया जाए कि गोमा के मैली होने से कितना नुकसान है।