लखनऊ (ब्यूरो)। पांच प्रतिशत रोगी ही गंभीर डेंगू हैमरेजिंग व डेंगू शाक सिंड्रोम में परिवर्तित होते हैं। बाकी 95 प्रतिशत मरीज सात से 10 दिन में ठीक हो जाते हैं। शरीर के किसी हिस्से में लाल दाने दिखें, कहीं से खून आए, बार-बार उल्टी, पेशाब-मल में खून आए, 12 घंटे से अधिक पेशाब न आए तो तत्काल मरीज को अस्पताल में भर्ती कराएं। सही समय पर इलाज मिल जाने पर इस तरह के रोगी 24 से 48 घंटे में ठीक हो जाते हैं।

डेंगू की जांच व इलाज फ्री

संयुक्त निदेशक डॉ। विकास सिंघल ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में फ्री जांच व इलाज की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा 108 एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध है। कोई भी मरीज अगर डेंगू के लक्षण वाला हो तो फौरन एंबुलेस बुलाकर पास के सरकारी अस्पताल में भर्ती हो जाए। आमतौर पर डेंगू का बुखार तीन से सात दिन में उतर जाता है, लेकिन आगे के कुछ दिन भी सावधान रहने की जरूरत होती है। शरीर में पानी व नमक की कमी नहीं होने देनी चाहिए।

किन्हें खतरा ज्यादा

-जिन्हें डेंगू पहले हो चुका हो।

-शिशु व 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे खासतौर पर कुपोषित बच्चे।

-65 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग व मोटे लोग।

-गर्भवती महिलाएं व जिनका मासिक धर्म चल रहा हो।

-हाई बीपी, डायबिटीज व अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोग।

ये बिल्कुल न करें

-अपने मन से कोई भी दवा न लें।

-बीमारी के दौरान टूथब्रश से दांत साफ न करें।

-तला-भुना, मांसाहारी भोजन का उपयोग न करें।

-प्लेटलेट बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया के ज्ञान से प्रभावित न हों।

-बहुत कम रोगियों को प्लेटलेट चढ़ाने की आवश्यकता होती है।

डेंगू के 57 और मलेरिया के 3 मरीज मिले

राजधानी में बुधवार को डेंगू के 57 मरीज मिले। अलीगंज में 8, इंदिरानगर में 7, एनके रोड में 3, चंदरनगर में 8, रेडक्रास में 3, टूडियागंज में 5, सिल्वर जुबली में 7, ऐशबाग में 4, बीकेटी में 3, चिनहट में 3, माल में 1, सरोजनीनगर में 2, गोसाईगंज में 2 व काकोरी में 1 रोगी पाये गये। इसके अतिरिक्त मलेरिया के 3 मरीज चंदरनगर, इंदिरानगर व माल में मिला है। जनवरी से अब तक जनपद में डेंगू के कुल 1248 एवं मलेरिया के 451 रोगी पाये गये। वहीं, लगभग 1231 घरों एवं आसपास मच्छरजनित स्थितियों का सर्वेक्षण किया गया और कुल 12 घरों में मच्छरजनित स्थितियां पाए जाने पर नोटिस जारी किया गया।