लखनऊ (ब्यूरो)। रायबरेली रोड स्थित वृंदावन कालोनी सेक्टर 12 में रिटायर्ड जज की बेटी प्रीति की मौत के मामले में पति रङ्क्षवद्र पर लगे हत्या के आरोप सही साबित नहीं हो सके। ऐसे में पीजीआई पुलिस ने शुक्रवार को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में पति को जेल भेज दिया। साथ ही अन्य ङ्क्षबदुओं पर जांच की जा रही है।

लगाए आरोप सही नहीं
इंस्पेक्टर रवि शंकर त्रिपाठी ने बताया कि घटना के समय अपार्टमेंट में लगे सभी सीसी कैमरों की फुटेज चेक की गई थी। किसी भी फुटेज में रङ्क्षवद्र की मौजूदगी अपार्टमेंट में नहीं पाई गई। वहीं, फुटेज में देखा गया कि घटना के कुछ देर बाद वह अपार्टमेंट पहुंचा था। ऐसे में रिटायर्ड जज एसपी तिवारी के लगाए आरोप सही नहीं हैं।

पति को भेजा जेल
इस आधार पर गुरुवार को हत्या की धारा को आत्महत्या के लिए उकसाने में बदल दिया गया और उस आरोप में पति को जेल भेजा गया है। इसके साथ ही अपार्टमेंट में दिखे युवक की तलाश की जा रही है। आखिर वह क्या कर रहा था। इसका पता लगाया जा रहा है, जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

बेटी का किया अंतिम संस्कार
रिटायर्ड जज एसपी तिवारी ने गुरुवार देर शाम बेटी प्रीति का अंतिम संस्कार कर दिया। बड़े बेटे विश्वम ने ही मां को मुखाअग्नि दी थी। वहीं, शुक्रवार को मृतका के पिता ने उन्नाव के बक्सर गंगा घाट में बेटी की अस्थियां प्रवाहित की है।

सोमवार को बड़े बेटे का है जन्मदिन
रिटायर्ड जज ने बताया कि नाती विश्वम का 11 नवंबर को जन्मदिन है। इस वर्ष भी विश्वम के जन्मदिन मनाने के लिए तैयारी कर रखी थी, लेकिन उससे पहले यह घटना हो गई। इस बात को सोच-सोच कर कांपते हुए बेटा रो रहा है। वहीं, दोनों बेटे ननिहाल में हैं।