लखनऊ (ब्यूरो)। भवन स्वामी ओमप्रकाश का हाउस टैक्स का बिल जीआईएस सर्वे के बाद 14 हजार के आसपास पहुंच गया था। जिसकी वजह से वो काफी परेशान थे। शुक्रवार को जब निगम मुख्यालय में जीआईएस समाधान दिवस आयोजित हुआ तो उन्होंने अपनी समस्या शेयर की। जिसके बाद नए सिरे से हाउस टैक्स को लेकर गणना की गई और नतीजा यह रहा है कि उनका हाउस टैक्स 8 हजार रह गया।
258 आपत्तियां आईं, सभी का निस्तारण
लखनऊ नगर में स्थित भवनों के जीआईएस सर्वे में किए गए कर निर्धारण के विरुद्ध आपत्तियों के निराकरण के लिए जीआईएस समाधान दिवस का आयोजन हुआ। जिसमें जोनवार 258 आपत्तियां प्राप्त हुई और सभी का निस्तारण किया गया। समाधान दिवस में नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह द्वारा अध्यक्षता करते हुए सभी भवन स्वामियों की शिकायतों को सुना गया।
आपत्तियां-निस्तारण जोनवार
जोन प्राप्त आपत्तियां निस्तारित
जोन 1 30 30
जोन 2 19 19
जोन 3 62 62
जोन 4 06 06
जोन 5 30 30
जोन 6 32 32
जोन 7 60 60
जोन 8 19 19
योग 258 258
इस तरह मामले आए सामने
1- भवन स्वामी परवीन का जीआईएस का वार्षिक मूल्य 27540 रुपये था, जो निस्तारण के बाद 15912 रुपये रह गया।
2- भवन स्वामी गीता रस्तोगी का वार्षिक मूल्य 15300 रुपये था, जो निस्तारण के बाद 12960 रुपये रह गया।
3- भवन स्वामी राम चंद्रा का जीआईएस का वार्षिक मूल्य 29040 रुपये था, जो निस्तारण बाद 17100 रुपये रह गया।
4- भवन स्वामी हरविन्दर सिंह का जीआईएस का वार्षिक मूल्य 66096 रुपये था, जो निस्तारण के बाद 39690 रुपये रह गया।
5- भवन स्वामी मुकेश कुमार का जीआईएस का वार्षिक मूल्य 15810 रुपये था, जो निस्तारण के बाद 10800 रुपये रह गया।
दर्ज कराएं आपत्तियां
नगर आयुक्त ने भवन स्वामियों से अपील की है कि अगर हाउस टैक्स को लेकर कोई भी आपत्ति है तो उसे तत्काल दर्ज कराएं। जिससे उनकी आपत्ति पर सुनवाई हो सके। अगर भवन स्वामी समय से हाउस टैक्स नहीं जमा करेंगे तो उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।