लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश के पावर जनरेटर्स पर बड़ा शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही पावर ट्रांसमिशन लाइन भी मजबूत होगी, जिसका सीधा फायदा उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति के रूप में मिलेगा। दरअसल, उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा प्रदेश में इंट्रा स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम कनेक्टिविटी संशोधित कानून-2023 लागू करने की तैयारी की जा रही है।
जल्द ही कानून होगा लागू
उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग इंट्रा स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम कनेक्टिविटी कानून-2023 में प्रस्तावित संशोधन के लिए उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग अध्यक्ष अरविंद कुमार, सदस्य संजय कुमार सिंह एवं बीके श्रीवास्तव की उपस्थिति में सुनवाई हुई। जिसमें पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन के निदेशक पियूष गर्ग सहित ट्रांसमिशन कारपोरेशन एसएलडीसी के अधिकारी व उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष व कुछ प्राइवेट जनरेटरों ने भाग लिया। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा जल्द ही एक पारदर्शी और अच्छा कानून प्रदेश में लागू होगा।
13 साल बाद संशोधित व्यवस्था
गौरतलब है कि ट्रांसमिशन कनेक्टिविटी रेगुलेशन 2010 में बना था। वर्तमान परिस्थितियों व ऊर्जा सेक्टर में बदलाव को देखते हुए लगभग 13 साल बाद कनेक्टिविटी रेगुलेशन में संशोधन के लिए प्रस्तावित व्यवस्था पर अपनी बात रखते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि निश्चित ही इस रेगुलेशन से आने वाले समय में पावर ट्रांसमिशन को मजबूती मिलेगी साथ ही पावर जनरेटर्स की जवाबदेही भी तय हो सकेगी।
उपभोक्ताओं पर न पड़े भार
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि डेडीकेटेड लाइन बनने के बाद जब उसकी कनेक्टिविटी ट्रांसमिशन सिस्टम से हो जाएगी और अंतत: उसका मालिकाना हक पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन के पास आ जाएगा तो उस लाइन के रखरखाव पर आने वाले खर्च का भार उपभोक्ताओं पर ना पड़े, इस दिशा में विद्युत नियामक आयोग को सोचना पड़ेेगा। रेगुलेशन में इस आने वाले खर्च को मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन के समय देखने की बात की गई है, जो वार्षिक राजस्व आवश्यकता का भाग बन जाएगा। ऐसे में ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि उसका भार आम जनता पर ना पड़े। यह भी बताया गया कि विद्युत नियामक आयोग द्वारा बनाए जा रहे प्रस्तावित कानून में प्रति मेगावाट 5 लाख कनेक्टिविटी बैंक गारंटी भी रखी गई है, जो बेहतर पहल है।