लखनऊ (ब्यूरो)। गणेश चतुर्थी पर इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग, ब्रह्म योग और रवि योग का संयोग भी बना है। गणपति की पूजा सुबह 10:49 बजे से दोपहर 1:19 बजे के बीच उत्तम मुहूर्त में की गई। उन्हें वस्त्र, जनेऊ, चंदन, ङ्क्षसदूर, दूर्वा, अक्षत, धूप, दीप, शमी के पत्ते, पीले फूल व फल अर्पित करने के साथ ही बेसन के मोदकों का भोग लगाया गया है।
कमल पर विराजे गणपति
राजधानी लखनऊ में सबसे पुराने गणेशोत्सव का पंडाल कटरा मकबूलगंज में इस बार भी पूरी भव्यता से लगा है। यहां पुराने आरटीओ के पास 1921 में गणेशोत्सव शुरू किया गया था। संस्था के सचिव गणेश शंकर जोशी ने बताया कि इस बार कमल पर चार फीट की मूर्ति स्थापित की गई है।
महल जैसा पंडाल
वहीं, हमेशा महोत्सव का आकर्र्षण बनने वाली झूलेलाल वाटिका में वर्षों से विराजमान हो रहे मनौतियों के राजा का पंडाल इस बार रानी पद्मावती के महल जैसा बनाया गया है। 120 फीट ऊंचे पंडाल में बप्पा को चि_ी लिखने के लिए अलग से पंडाल लगाया जा रहा है।
51 फीट ऊंचा मंडप
दूसरी ओर पेपर मिल कालोनी के बप्पा को इस बार जगन्नाथ धाम में विराजित किया गया है। अक्षय समिति ने 51 फीट ऊंचा मंडप बिलकुल पुरी के जगन्नाथ जी मंदिर की तर्ज पर सजाया है। यहां आरती के लिए मां गंगा महाआरती की तरह तीन स्टेज बनाए जा रहे हैं। यहां हर दिन रात आठ बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
मुखिया के रूप में विराजित
डालीगंज रेलवे क्राङ्क्षसग के पास पीली कोठी में गणेशजी परिवार के मुखिया के रूप में विराजित हुए हैं। इसलिए उन्हें मुकुट की बजाय पगड़ी धारण कराई गई है। बड़ा शिवाला मंदिर में श्री गणेश जी की चार फीट की धातु की प्रतिमा प्रतिष्ठित है, लेकिन यहां हर दिन छोटी-छोटी मूर्तियों को स्थापित कर उनकी पूजा की जा रही है।
पर्यावरण संरक्षण का संदेश
हीवेट रोड पर 15 वर्षों से हर वर्ष विराजमान हो रहे शिवाजी मार्ग के राजा इस बार पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं। आयोजक आष्कर योग साई कृपा सेवा संस्थान के अध्यक्ष गणेश शंकर पवार ने बताया कि पीपल के वृक्ष पर गजानन की स्थापना की गई है। यहियागंज में छोटी बहू के ठाकुरद्वारे में मवैया में 5.5 फीट के गजानन स्थापित किए गए हैं।
सफेद पंडाल बनाया गया है
गणेशपूजा पत्रकारपुरम समिति की ओर से पत्रकारपुरम में सफेद पंडाल में भगवान को विराजित किया गया है। बशीरतगंज के राजा की स्थापना भी विधि विधान से कर दी गई है। श्री गणेश उत्सव मंडल की ओर से अमीनाबाद के राजा की स्थापना शिव मंदिर श्रीराम रोड में की गई है। यहां सात दिवसीय उत्सव मनाया जाएगा।