लखनऊ (ब्यूरो)। अगर आपका बच्चा अकसर खांसी की समस्या से परेशान रहता हो या मौसम में बदलाव होने पर उसे यह प्रॉब्लम हो जाती हो तो इसके पीछे की एक वजह रिएक्टिव एयरवे डिजीज (आरएडी) भी हो सकती है। दरअसल, आरएडी के कारण सांस की नली सिकुड़ जाती है, जिससे सांस लेने में समस्या होने लगती है। धीर-धीरे यह समस्या बढ़ने पर अस्थमा हो सकता है। डॉक्टर्स के अनुसार, एलर्जी व मोटापा की वजह से यह समस्या बेहद कॉमन हो गई है, जो शहरी बच्चों में ज्यादा देखने को मिलती है। इससे बचाव बेहद जरूरी है।

कई वजहों से बढ़ रही समस्या

जिस तेजी से शहर बढ़ रहे हैं और बच्चे मनोरंजन के लिए घरों के अंदर व मोबाइल पर ज्यादा निर्भर रहने लगे हैं, वे फिजिकल एक्टिविटी या एक्सरसाइज का हिस्सा भी नहीं बन रहे, इससे बच्चों की इम्युनिटी कमजोर होने से आरएडी जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। लोहिया संस्थान में पीडियाट्रिक विभाग के डॉ। पीयूष उपाध्याय ने बताया कि बच्चों में यह समस्या एलर्जी के कारण होती है। बच्चों में यह सीजनल होता है और प्रदूषण आदि की वजह से होता है। चूंकि बच्चों की हाइट कम होती है इसलिए सस्पेंडेड पार्टिकल, पॉलेन ग्रेन ब्रीडिंग, वेदर ठंडा होने से हवा भारी होने पर नीचे बहने से ये पार्टिकल्स सांस द्वारा अंदर चल जाते हैं, जो अकसर खांसी का सबब बनते हैं।

मोटापा व फूड एलर्जी भी वजह

डॉ। पीयूष बताते हैं कि बच्चों में इस समस्या की शुरुआत इंफ्लेमेंशन से होती है। बाद में एयरवेज संकरी होनी लगती हैं, जो आगे बढ़ते हुए अस्थमा में बदल जाती है। इसका एक कारण मोटापा भी होता है, जो शहरी बच्चों में ज्यादा देखने को मिलता है। इसके अलावा, फूड एलर्जी भी बड़ा कारण है, जिसकी वजह से बच्चों में यह समस्या बेहद कॉमन हो गई है।

हाइपर रिएक्टिव होते हैं एयरवेज

केजीएमयू में पीडियाट्रिक विभाग की डॉ। सारिका गुप्ता ने बताया कि सीजन में बदलाव, वायरल इंफेक्शन, सीजनल पॉलेन ग्रेन, प्रदूषण आदि की वजह से बच्चों में यह समस्या देखने को मिलती है। 5 साल के ऊपर के बच्चों में एयरवेज हाइपर रिएक्टिव होता हैं यानि सिकुड़न की समस्या अधिक होती है, जिससे बच्चा लगातार खांसता रहता है। ओपीडी में रोजाना ऐसे 20-30 मरीज आ जाते हैं, पर कभी-कभी यह संख्या 40 तक पहुंच जाती है, खासतौर पर सीजनल चेंज और प्रदूषण बढ़ने के दौरान। पैरेंट्स को इस दौरान बेहद सावधानी और सतर्कता बरतनी चाहिए।

ऐसे करें बच्चों का बचाव

-बच्चों को मास्क पहनाएं।

-उन्हें प्रदूषण वाली जगहों पर न ले जाएं।

-उन्हें हेल्दी डाइट दें।

-उनकी लाइफस्टाइल हेल्दी रखें।

-उनसे फिजिकल एक्टिविटी करवाएं।

-प्राणायाम करना भी हेल्प करता है।

बच्चों में आरएडी की समस्या आजकल बेहद कॉमन हो गई है, जो आगे चलकर अस्थमा में बदल सकती है इसलिए सावधानी बरतें।

-डॉ। पीयूष उपाध्याय, लोहिया संस्थान

बच्चों के एयरवेज हाइपर रिएक्टिव होते हैं इसलिए सीजन चेंज होने पर, पॉल्युशन बढ़ने से समस्या बढ़ जाती है। ओपीडी में बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे आते हैं।

-डॉ। सारिका गुप्ता, केजीएमयू