लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में बढ़ते हादसों की बड़ी वजह बिना फिटनेस के दौड़ रहे वाहन हैं। वहीं, फिटनेस सेंटर पर फैली अव्यवस्था के कारण भी फिटनेस कराने में देरी होती है। इसी समस्या को देखते हुए परिवहन विभाग द्वारा अब यहां कॉमर्शियल वाहनों के लिए टोकन सिस्टम लागू किया गया है, जिसके तहत रोजाना करीब 250 वाहनों के फिटनेस का लक्ष्य रखा गया है, जो 'पहले आओ पहले पाओ' की तर्ज पर दिए जाएंगे। वाहन स्वामी ऑफलाइन के अलावा ऑनलाइन भी टोकन हासिल कर सकते हैं। ऐसे में वाहनों को जल्द फिटनेस जांच के साथ सर्टिफिकेट मिल रहे हैं।

गाड़ी के साथ ड्राइवरों की भी फिटनेस जांच

फिटनेस सेंटर पर जांच कराने पहुंच रहे कॉमर्शियल वाहनों के साथ-साथ उनके ड्राइवरों के लिए भी जांच शिविर पहली बार शुरू किया गया है। जिसके तहत नियमित आंख व हेल्थ चेकअप के लिए शिविर आयोजित किए जा रहे हैं ताकि अगर कोई हेल्थ संबंधी समस्या हो तो उसे दूर किया जा सके। इसके अलावा, अनपढ़ ड्राइवरों को भी जागरूक करने का काम किया जा रहा है। इसके लिए रोड सेफ्टी एक्सपर्ट रोजाना 20-20 की संख्या में ड्राइवर्स की क्लास लेते हैं। इस क्लास में सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी जा रही है ताकि सड़क हादसों पर अंकुश लगाया जा सके। साथ ही 15 साल पुराने वाहनों की फिटनेस जांच भी अब यहीं पर होगी। जो फिटनेस पैमानों पर पास होने के बाद ही दोबारा रजिस्टर्ड किए जाएंगे।

नए सिस्टम से सुधरे हालात

फिटनेस सेंटर पर नया सिस्टम लागू होने से व्यवस्था तेज हुई है। टोकन सिस्टम से वाहनों की इंट्री से भीड़ कम और काम में तेजी आई गई। इसके अलावा नए शेड के नीचे वाहनों के फिजिकल निरीक्षण करके फिटनेस रिपोर्ट बनाने में आसानी हुई है। वाहनों की सुरक्षा और निगरानी बढ़ाने के लिए जूम के साथ स्पीड डोम कैमरे लगाए गए। इसके अलावा, पार्किंग की अलग से सिस्टम तैयार किया गया है, ताकि बेतरतीब वाहन न खड़े हों।

रोड सेफ्टी के तहत आई एंड सी वाहन परीक्षण सेंटर में कई जरूरी सुधार किए गए हैं, जिससे प्रबंधन और कर्मचारियों के साथ ही फिटनेस कराने वाले वाहन चालकों को राहत मिलेगी। नई व्यवस्था से समय की भी बचत होगी।

-संजय कुमार तिवारी, आरटीओ-प्रशासन, लखनऊ