लखनऊ (ब्यूरो)। चिकित्सा के इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में स्टूडेंट्स को सेवा करने का मौका मिला है। एक चिकित्सक और मरीज के बीच बेहतर सामंजस्य होना चाहिए। भविष्य में अपने मरीजों के साथ इस तरह काम करें कि मरीज हक से आपसे बात कर सकें। युवा डॉक्टर हमेशा इस बात को याद रखें कि मरीज बीमार होता है तभी वह इलाज के लिए आता है इसलिए मन में करुणा का भाव रखें। ये बातें शुक्रवार को लोहिया संस्थान के प्रथम दीक्षांत समारोह के दौरान गवर्नर व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहीं।
एआई के लिए ट्रेन करें
गर्वनर ने आगे कहा कि आने वाले दिनों में संस्थान में नए विभागों का संचालन शुरू हो रहा है। आज का समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का है। संस्थान को प्रशिक्षण के लिए तैयार करें। गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं को पूरा करने के लिए आगे बढ़ें। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लगातार चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में काम किया गया है। इसके तहत एमबीबीएस सीटों को भी बढ़ाया गया, आयुष्मान भारत योजना के तहत हजारों लोग लाभान्वित हो रहे हैं। हमारे देश में कई बीमारी दूषित पानी से होती हैं, इसलिए जरूरी है कि लोग भी जागरूक रहें।
मेडल से इलाज नहीं हो सकता
दीक्षांत समारोह के दौरान चिकित्सा एवं शिक्षा स्वास्थ्य के राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश को डॉक्टरों की खासकर स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशियलिस्ट डॉक्टरों की जरूरत है। इस बात को स्वीकार करने में कोई हर्ज नहीं है कि प्रदेश में विशेषज्ञों की कमी है। वहीं, इंस्टीटयूट ऑफ लिवर एंड बीलिएरी साइंसेज, नई दिल्ली अध्यक्ष, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान अकादमी के कुलाधिपति एवं निदेशक पद्मभूषण प्रो। शिव कुमार सरीन ने कहा कि जब जीत की जिद हो जाए तब घाव मायने नहीं रखता है। जीतना संभव हो जाता है। आज स्टूडेंट्स ने एक से अधिक मेडल प्राप्त किए हैं, लेकिन एक बात याद रखनी होगी कि इन मेडल से आप मरीज का इलाज नहीं कर सकते। जब एक मरीज आपके पास आएगा तो उसे बढिय़ा इलाज की जरूरत होगी। उस मरीज का इलाज आप मेडल से नहीं कर सकते। उसके इलाज के लिए आपको एक मानवीय डॉक्टर बनना होगा।
सभी विधा मिलकर काम करें
प्रो। सरीन ने आगे कहा कि एक ऐसा मंच होना चाहिए जहां ऐलोपैथ, आयुर्वेद, यूनानी और होमियोपैथी विधा एक साथ मिलकर काम करे। अगर ऐसा होगा तो भविष्य में प्रदेश में और बेहतर चिकित्सा व्यवस्था होगी। एक ऐसा संस्थान बनाएं जहां इनोवेशन, चिकित्सा और शिक्षा हो। उससे बेहतर चिकित्सालय कोई और नहीं हो सकता। वहीं, लोहिया संस्थान की निदेशक प्रो। सोनिया नित्यानंद मरीजों की सहूलियतों के लिए 1132 बेड नया अस्पताल बनेगा। इसका प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजा जा चुका है। पहले चरण के तहत 732 बेड का नया अस्पताल ब्लॉक बनेगा। द्वितीय चरण में 400 बेड बढ़ेंगे। साथ ही एक ही छत के नीचे गुर्दा, बोन मैरो और लिवर प्रत्यारोपण होगा।
इनका हुआ सम्मान
प्रो। सोनिया नित्यानंद ने बताया कि शौर्य गुप्ता को बेस्ट ग्रेजुएट के लिए डायरेक्टर मेडल के साथ गोल्ड मेडल, स्वधा सिंह को इंस्टीट्यूट सब्जेक्ट मेडल, एमबीबीएस 2019 बैच अनिकेत शर्मा को गोल्ड मेडल, अभिषेक कटियार को कम्युनिटी मेडिसिन में गोल्ड मेडल, श्रृष्टि सिंह को फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सोलॉजी अंतिम वर्ष में बेहतर अंक लाने पर मेडल प्रदान किया गया। इसके अलावा, एमबीबीएस 2020 बैच हरमन सिंह को गोल्ड मेडल, दीक्षा, मेधल अग्रवाल, भावेश नाथ, श्याम गुप्ता और खुशी चौहान को मेडल प्राप्त हुआ।
नाराज हुईं गवर्नर
दीक्षांत समारोह के दौरान स्टूडेंट्स द्वारा हूटिंग कर रहे थे, जिसके कारण गवर्नर ने बेहद नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि क्या किसी को कुछ सीखाया नहीं गया है? इस तरह का व्यवहार सही नहीं है।
इन मेधावियों को मिले गोल्ड मेडल
- डॉ। प्रशांत थांडी, डीएम, कार्डियोलॉजी
- डॉ। विक्रम सिंह, एमसीएच, यूरोलॉजी
- डॉ। गौरव सिंह, एमसीएच, सर्जिकल आंकोलॉजी
- डॉ। अश्वनि गुप्ता, एमडी, एनेस्थीसिया
- डॉ। हर्षिता यादव, एमडी, माइक्रोबायोलॉजी
- डॉ। ओशीन, एमडी, पैथोलॉजी
- डॉ। रौनक पुरी, एमडी, रेडिएशन आंकोलॉजी
- डॉ। ऋषभ प्रताप, एमडी, रेडियो डायग्नोसिस