लखनऊ (ब्यूरो)। दशहरा और दीपावली के त्योहार से पहले प्रदेशभर के तीन करोड़ से अधिक बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी सौगात मिली है। विद्युत नियामक आयोग की ओर से गुरुवार को बिजली दरें यथावत रखी गई हैं। जिससे लगातार पांचवें साल भी उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। जिसका सीधा फायदा प्रदेशभर के तीन करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं को मिलेगा।

नई बिजली दरों का ऐलान

आखिरकार निर्धारित समयावधि 120 दिन के बाद विद्युत नियामक आयोग ने नई बिजली दरों का ऐलान कर दिया है। विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह ने नई दरों का ऐलान करते हुए कहाकि पांचवें साल भी उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में कोई इजाफा नहीं किया जाएगा और दरें यथावत ही रहेंगी। हालांकि बिजली कंपनियां दर को बढ़ाना चाहती थीं। उपभोक्ता परिषद के संघर्ष के बाद उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां बीते पांच सालों से बिजली की दरों में कोई इजाफा नहीं किया गया है।

दरें कम नहीं हुईं

उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का 33122 करोड़ रुपए सरप्लस निकल रहा है, उसके एवज में अगले पांच वर्षों तक आठ प्रतिशत बिजली दरों में कमी का ऐलान होना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। दम में कमी को लेकर उपभोक्ता परिषद आगे भी अपना संघर्ष जारी रखेगा।

10 रुपये एसएमएस चार्ज नहीं लगेगा

स्मार्ट प्रीपेड मीटर के मामले में मैसेज अलर्ट भेजने पर प्रस्तावित 10 रुपया एसएमएस चार्ज को विद्युत नियामक आयोग ने खारिज कर दिया है। वहीं स्मार्ट मीटर कनेक्शन जोड़ने व काटने पर लगने वाले शुल्क संबंधी प्रस्ताव को भी पास नहीं किया गया है। इसी तरह नोएडा पावर कंपनी की बिजली दरें आगे भी 10 प्रतिशत कम रहेंगी और पावर ट्रांसमीशन की दरें 26 पैसे से 23 पैसे हो गई हैं।

बिजली दरों का अध्ययन

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहाकि विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी नई बिजली दर का अध्ययन उपभोक्ता परिषद करेगी और इसके बाद आगे की रणनीति के तहत पहले से उपभोक्ताओं के निकले सरप्लस 33122 करोड़ व वर्तमान में निकले सरप्लस को जोड़कर विद्युत नियामक आयोग के सामने पुनर्विचार जनहित याचिका दाखिल की जाएगी।