लखनऊ (ब्यूरो)। डा। शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय ने मास्टर आफ सोशल वर्क (एमएसडब्ल्यू) कोर्स की मेरिट सूची जारी कर दी है। स्टूडेंट्स विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर इसे देख सकते हैं। चयनित स्टूडेंट्स की काउंसिलिंग 21 व 23 सितंबर को सुबह 11 बजे से होगी। एडमिशन इंचार्ज डा। अर्चना ने इसकी सूचना वेबसाइट पर जारी की है।

कमरा नंबर 328 में
काउंसिलिंग के लिए स्टूडेंट्स को एकेडमिक्स ब्लाक-ए 2 के सेकंड फ्लोर कमरा नंबर 328 में सुबह 11 से दोपहर तीन बजे के बीच पहुंचना होगा। डाक्यूमेंट्स सत्यापन के दौरान विसंगति पाए जाने पर मेरिट सूची में स्थान परिवर्तित किया जा सकता है।

डाक्यूमेंट्स जमा करें
विश्वविद्यालय ने एमए एजुकेशन में एडमिशन के लिए आवेदन करने वाले स्टूडेंट्स को डाक्यूमेंट्स जमा करने का अंतिम अवसर दिया है। ऐसे स्टूडेंट्स 21 सितंबर तक अपने प्रार्थना पत्र के साथ स्व प्रमाणित दस्तावेज (जो लगाना भूल गए हों) स्वामी विवेकानंद पुस्तकालय के कमरा नंबर 102 में जमा करा दें।

26 तक भरें बैक पेपर फार्म
विश्वविद्यालय ने सम सेमेस्टर सत्र 2023-24 के बैक पेपर एग्जाम फार्म भरने की डेट जारी कर दी है। स्टूडेंट्स को 26 सितंबर तक मौका दिया गया है। थ्योरी के लिए 500 रुपये प्रति प्रश्न पत्र, प्रयोगिक परीक्षा के लिए एक हजार रुपये प्रति प्रश्न पत्र व आंतरिक परीक्षा के लिए 500 रुपये प्रति प्रश्न पत्र फीस लगेगा।

नए रेगुलर शिक्षक भी बन सकेंगे सुपरवाइजर
लखनऊ यूनिवर्सिटी में कार्यरत नए रेगुलर टीचर भी पीएचडी कराने के लिए सुपरवाइजर बन सकेंगे। यूनिवर्सिटी के पीएचडी अध्यादेश में इन टीचर्स को सुपरवाइजर बनाने को लेकर कोई मनाही नहीं है। फिर भी कई विभाग इन्हें परवीक्षा अवधि में होने की वजह से सुपरवाइजर नहीं बना रहे हैं। अब यूनिवर्सिटी प्रशासन जल्द ही अनुमति देने का नोटिफिकेशन जारी करने की तैयारी में है।

तैयारियां पूरी की गईं
एलयू ने नए सत्र 2024-25 के पीएचडी एडमिशन को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। सभी कालेजों से शिक्षकों का विवरण एवं अंश एवं पूर्णकालिक पीएचडी की खाली सीटों की सूचना 14 सितंबर तक मांगी गई थी, जिसे विभागों को विभागीय शोध समिति के माध्यम से 20 सितंबर तक कुलसचिव कार्यालय को देनी है।

अध्यादेश में उल्लेख नहीं
यूनिवर्सिटी प्रशासन के अनुसार कुछ विभाग परवीक्षा अवधि में नए शिक्षकों को सुपरवाइजर नहीं बना रहे, जबकि अध्यादेश में कहीं भी इसका उल्लेख नहीं किया गया है। इसलिए यूनिवर्सिटी उन्हें भी सुपरवाइजर बनने की अनुमति देने जा रहा है। ऐसे में अनुमति मिलने पर करीब सवा सवा सौ टीचर सुपरवाइजर बन सकेंगे। इससे सीटों की संख्या भी बढ़ेगी।