लखनऊ (ब्यूरो)। ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वाली कंपनी का अनुबंध समाप्त हो चुका है, लेकिन परिवहन द्वारा अभी तक ड्राइविंग लाइसेंस के लिए नई सेवा प्रदाता कंपनी के चयन के लिए प्रक्रिया ठप पड़ी हुई है। जबकि नया टेंडर सेवा समापन के छह माह पूर्व ही हो जाना चाहिए था। वहीं, पुरानी कंपनी को एक्सटेंशन दिया जा रहा है, जबकि नियम में ऐसा कोई जिक्र तक नहीं है। ऐसे में विभाग के अधिकारियों की लापरवाही आगे चलकर ड्राइविंग लाइसेंस अभ्यर्थियों के लिए मुसीबत बन सकती है।
फरवरी में समाप्त हुआ अनुबंध
प्रदेश में अभी ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का काम स्मार्ट चिप प्रा। लि। कंपनी के पास है। पर इसका अनुबंध बीते फरवरी माह में ही खत्म हो चुका है। पर परिवहन विभाग द्वारा कंपनी को ही एक्सटेंशन दिया जा रहा है। जबकि नियमानुसार डीएल के लिए नई कंपनी के चयन प्रक्रिया शुरू हो जानी चाहिए थी। वहीं, पूर्व में इसको लेकर कोर्ट केस तक हो चुका है। साथ ही लापरवाही को लेकर उच्च अधिकारियों पर कार्रवाई तक हो चुकी है।
कर्मचारी छोड़ रहे नौकरी
एक ओर नई सेवा प्रदाता कंपनी की खोज प्रक्रिया बंद है तो दूसरी ओर पुरानी कंपनी में काम कर रहे कई कर्मचारी नौकरी छोड़कर नया ठिकाना ढूंढ रहे हैं। कर्मचारियों को अपने भविष्य की चिंता हो रही है।
जल्द टेंडर की जता रहे उम्मीद
जानकारी के मुताबिक, डीएल के टेंडर में कुछ नई शर्तों को भी जोड़ा गया है। जिसमें नई कंपनी द्वारा केवल डीएल डिस्पैच का ही काम किया जाएगा। यानि क्षेत्रिय परिवहन कार्यालय में डीएल के आवेदन का काम विभागीय कर्मी ही करेंगे। ऐसे में, इस शर्त को लेकर कर्मचारियों में खलबली मची हुई है। हालांकि, अधिकारियों का दावा है कि जल्द से जल्द टेंडर प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। आवेदकों को किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी।
नया टेंडर अपलोड हो गया है। जल्द ही इसे खोला जाएगा, जिसके बाद नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
-सुनीता वर्मा, अपर परिवहन आयुक्त, आईटी