लखनऊ (ब्यूरो)। अगर आप अपने घर से निकलने वाले गीले वेस्ट से परेशान हैैं तो आपको टेंशन लेने की जरूरत है। जरा सी अवेयरनेस आपको गीले वेस्ट की टेंशन से निजात दिला सकती है। इतना ही नहीं, गीले वेस्ट के माध्यम से आप अपने घर के अंदर हरियाली भी ला सकते हैैं। दरअसल, 90 फीसदी लोगों को जानकारी ही नहीं है कि वे गीले वेस्ट को किस रूप में इस्तेमाल कर सकते हैैं। ऐसे में वे गीले वेस्ट को या तो डस्टबिन में डाल देते हैैं या रोड साइड फेंक देते हैैं जबकि इसके जरिए आसानी से खाद बनाई जा सकती है। जिसका यूज हरियाली लाने में किया जा सकता है। नगर निगम की ओर से हर साल इस संबंध में जागरूकता अभियान चलाया जाता है, लेकिन 10-15 फीसदी लोग ही वेस्ट से खाद बनाते हैैं।

45 फीसदी गीला वेस्ट निकलता है

नगर निगम की ओर से वार्डवार डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन का काम किया जाता है। वैसे तो इसका कोई डेटा नहीं तैयार किया जाता है कि घरों से कितना सूखा और कितना गीला वेस्ट निकलता है। पर औसत की बात करें तो अगर एक परिवार में तीन से चार सदस्य हैैं तो रोजाना घर से निकलने वाले ओवरऑल वेस्ट में से 45 फीसदी वेस्ट गीला होता है।

बेहद आसान है होम कम्पोस्टिंग

राजधानी के गोमतीनगर जैसे कई इलाकों में लोग होम कम्पोस्टिंग कर रहे हैं। यह करना बहुत आसान है

-घर पर पुरानी बाल्टी लें फिर उसमें थोड़ी-थोड़ी दूरी पर छेद करें।

-उस बाल्टी के तल में मिट्टी डालकर उसके ऊपर पुराना अखबार बिछा, उसे कवर करेंं।

-किचन से निकला गीला कूड़ा जैसे फल, सब्जी के छिलके आदि उसमें डालें।

-फिर गुड़ एवं दही का घोल बनाकर उसके ऊपर छिड़काव करें, फिर दोबारा अखबार बिछाएं।

-फिर मिट्टी डालें।

-अगले दिन कूड़ा डालने के लिए पुन: इस विधि को अपनाएं।

-30 दिन में खाद बनकर तैयार हो जाएगी

-आप इस खाद का बगीचों और गमलों में उपयोग कर सकते हैं।

इनसे बन सकती है खाद

-चाय की पत्ती

-सब्जी-फल के छिलके

-सूखी पत्तियां

-बचा हुआ खाना

बोले लोग

हमें तो इस बारे में जानकारी ही नहीं थी, लेकिन अब हम पूरा प्रयास करेंगे कि घर से निकलने वाले गीले वेस्ट के माध्यम से खाद बनाएं। हम दूसरों को भी जागरूक करेंगे।

राजकुमार रावत

निश्चित रूप से गीले वेस्ट को खाद के रूप में तब्दील किया जा सकता है। इसका प्रोसेस भी आसान है। मैैैं सबसे पहले अपने घर से इसकी शुरुआत करूंगा फिर दोस्तों से भी इसे शेयर करूंगा।

वेद राजवंशी

गीला वेस्ट हर घर से निकलता है। नगर निगम को भवन स्वामियों को जानकारी देनी चाहिए कि किस तरह से गीले वेस्ट से खाद बनाई जा सकती है। जागरूकता होने से इसका असर दिखेगा।

गौरव श्रीवास्तव

नगर निगम को चाहिए कि भवन स्वामियों को सूखा और गीला वेस्ट अलग-अलग रखने के बारे में प्रॉपर जानकारी दे। सूखा और गीला वेस्ट अलग रखा जाना चाहिए। इससे वेस्ट निस्तारण में आसानी होती है।

प्रदीप पांडेय

सोशल मीडिया कमेंट्स

1-खुले में वेस्ट नहीं फेंका जाना चाहिए। इसके माध्यम से गंभीर बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहता है। खुले में वेस्ट फेंकने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

अनुज, उतरेठिया

2-भवन स्वामियों को घरों के अंदर भी सूखा और गीला वेस्ट रखने के लिए अलग-अलग डस्टबिन रखने चाहिए। नगर निगम को चाहिए कि वो पब्लिक को इसकी महत्ता के बारे में बताए।

सुरभि, आलमबाग

3-सबसे पहले तो नगर निगम को ओपन डंपिंग ग्राउंड समाप्त करने चाहिए। रोड साइड वेस्ट फैला होने से लोगों को काफी समस्या होती है साथ ही बीमारियों के फैलने का खतरा भी रहता है।

राकेश, गोमतीनगर

4-सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को सूखे और गीले वेस्ट के बारे में जानकारी देनी चाहिए। जिससे लोगों में जागरूकता आए। अभी तो ज्यादातर लोग खुले में ही वेस्ट फेंक देते हैैं।

सूरज, इंदिरानगर

बोले एक्सपर्ट

घरों से निकलने वाले गीले वेस्ट के माध्यम से आसानी से खाद बनाई जा सकती है। नगर निगम की ओर से समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाकर पब्लिक को गीले वेस्ट से खाद बनाने के संबंध में जागरूक किया जाता है।

डॉ। अरविंद राव, अपर नगर आयुक्त